
Kidnapping Case Action : क्या आरोपियों के अंदर कानून का खौफ नहीं है? उनको पुलिस का डर नहीं लगता. क्योंकि दूर-दराज तो छोड़िए, एक दम थाने के सामने से अपहरण का एक बेहद हैरान करने वाला केस आया है. घटना छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की है. जहां अपहरणकर्ताओं ने कानून का मजाक बना दिया. ट्रांसपोर्टर का अपहरण करके.
वहीं, इस अपहरण कांड के बाद पुलिस महकमें में सनसनी फैल गई. पुलिस तुरंत एक्शन मोड पर आ गई. ये घटना खुद पुलिस की साख पर बट्टा लगा रही थी. यदि जल्द कार्रवाई नहीं होती तो अपराधियों के हौसले और बढ़ते. हालांकि, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी की तलाश जारी है..
जानें कैसे दिया गया इस वारदात को अंजाम
अपहरण कांड 23 अप्रैल को अंजाम दिया गया था. जब आदित्य सिंह का ट्रक अंबिकापुर से माल लोड कर वापस लौट रहा था. इस दौरान विकास गुप्ता नाम के शख्स ने बिना जानकारी के ट्रक से माल खाली करवा लिया. आदित्य ने जब इसकी खबर माल मालिक नरेंद्र साहू को दी, तो उसने कहा कि बंदोबस्त हो जाएगा. लेकिन रात भर कोई नहीं आया. आदित्य थक-हार कर ट्रक लेकर भिलाई लौट आया.
नरेंद्र साहू और उसके गुर्गों ने आदित्य के ड्राइवर से विवाद किया. जब आदित्य थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा, तभी 5 लोग गाड़ी में आए और थाने के सामने से ही आदित्य का अपहरण कर लिया. बदमाशों ने आदित्य को गाड़ी में ठूंस कर सुपेला की सब्जी मंडी स्थित एक दुकान में ले गए. वहां, उसे बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा गया.
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अन्य आरोपियों की तलाश जारी
सुखनंदन राठौर (एएसपी दुर्ग शहर) ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवधेश साव, अनिल कुमार साहू और पिंटू साव को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में तीनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. पुलिस ने इन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. मुख्य आरोपी नरेंद्र साहू और अन्य साथी अब भी फरार हैं.
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