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IED पर बैठकर शहीद होने वाले स्नाइपर डॉग राजू को क्‍यों नहीं भूल पाएंगे CRPF जवान? झकझोर देगी बल‍िदान की कहानी

CRPF Sniper Dog Raju: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सीआईपीएफ का बहादुर स्नाइपर डॉग राजू IED की पहचान करने के बाद जवानों और ग्रामीणों की जान बचाते हुए खुद उसके ऊपर बैठ गया. ब्लास्ट में वह शहीद हो गया. राजू ने अपने सेवा काल में 35 से अधिक IED खोजकर कई जिंदगियां बचाई थीं. उसकी याद में कैंप के बाहर स्मारक बनाया गया है.

IED पर बैठकर शहीद होने वाले स्नाइपर डॉग राजू को क्‍यों नहीं भूल पाएंगे CRPF जवान? झकझोर देगी बल‍िदान की कहानी

CRPF Sniper Dog Raju: भारत को नक्सवाद से मुक्त बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में न केवल केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के जवान, बल्कि स्नाइपर डॉग भी जान की बाजी लगा रहे हैं. राजू नाम का स्नाइपर डॉग ऐसा था कि उसने CRPF जवानों और कई ग्रामीणों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. स्नाइपर डॉग राजू नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED की चपेट में आकर शहीद हो गया.

राजू छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी दस्‍ते में शामिल वह स्नाइपर डॉग था, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में जब जवान ऑपरेशन या गश्त पर जाते थे तो उनके साथ रहता था. सड़क पर नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED को खोज निकालना और उसे निष्क्रिय करने में जवानों की मदद करना उसका मुख्य काम था. आइए जानते हैं स्नाइपर डॉग राजू के अदम्य साहस की कहानी, जिस पर हर कोई गर्व करता है.

बहादुरी को सैल्‍यूट करते हैं जवान

स्नाइपर डॉग की ऐसी बहादुरी और वीरता आज भी जवान नहीं भूल पाए हैं. इसी कारण कैंप के सामने उसकी याद में एक स्मारक बनाया गया है, जिसमें उसकी तस्वीर भी है. आज भी CRPF कैंप के जवान बहादुर स्नाइपर डॉग राजू को याद कर भावुक हो जाते हैं और कहते हैं कि अगर वह नहीं होता तो इस इलाके में गश्त के दौरान कई जवान शहीद हो सकते थे.

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दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर व बीजापुर नक्सलवादियों से सबसे अधिक प्रभावित इलाके हैं. बीजापुर ज़िले के घोर नक्सल प्रभावित पीडिया क्षेत्र से लगे गांव मुदवेंदी में CRPF की 85वीं बटालियन का कैंप स्थापित है. यहां CRPF जवानों के साथ स्नाइपर डॉग राजू हमेशा नक्सल विरोधी अभियान में कदम से कदम मिलाकर चलता था.

स्नाइपर डॉग राजू ने इस इलाके में नक्सलियों द्वारा लगाए गए 35 से ज्यादा IED का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय और नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई. राजू की इस बहादुरी से कई जवानों और ग्रामीणों की जान बची. राजू की शहादत आज भी जवानों को प्रेरित करती है.

Naxal IED in Bijapur Chhattisgarh: स्नाइपर डॉग राजू ऐसे हुआ शहीद

स्नाइपर डॉग राजू के शहीद होने की कहानी रोंगटे खड़ी कर देने वाली है. 30 दिसंबर 2024 को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान CRPF जवानों के साथ राजू भी चल रहा था. इसी दौरान जंगल में एक पेड़ के नीचे नक्सलियों द्वारा लगाई गई IED की राजू ने पहचान की, लेकिन वह जवानों को संकेत नहीं दे पाया.

उस IED के आसपास कई CRPF जवान और ग्रामीण मौजूद थे. सबकी जान बचाने के लिए राजू खुद IED के ऊपर बैठ गया और ब्लास्ट होते ही वह टुकड़ों में बिखर गया और शहीद हो गया. राजू के IED के ऊपर बैठने से ब्लास्ट का असर जवानों और ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाया और सभी सुरक्षित बच गए.

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