CRPF Sniper Dog Raju: भारत को नक्सवाद से मुक्त बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में न केवल केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के जवान, बल्कि स्नाइपर डॉग भी जान की बाजी लगा रहे हैं. राजू नाम का स्नाइपर डॉग ऐसा था कि उसने CRPF जवानों और कई ग्रामीणों की जान बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. स्नाइपर डॉग राजू नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED की चपेट में आकर शहीद हो गया.
बहादुरी को सैल्यूट करते हैं जवान
स्नाइपर डॉग की ऐसी बहादुरी और वीरता आज भी जवान नहीं भूल पाए हैं. इसी कारण कैंप के सामने उसकी याद में एक स्मारक बनाया गया है, जिसमें उसकी तस्वीर भी है. आज भी CRPF कैंप के जवान बहादुर स्नाइपर डॉग राजू को याद कर भावुक हो जाते हैं और कहते हैं कि अगर वह नहीं होता तो इस इलाके में गश्त के दौरान कई जवान शहीद हो सकते थे.

दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर व बीजापुर नक्सलवादियों से सबसे अधिक प्रभावित इलाके हैं. बीजापुर ज़िले के घोर नक्सल प्रभावित पीडिया क्षेत्र से लगे गांव मुदवेंदी में CRPF की 85वीं बटालियन का कैंप स्थापित है. यहां CRPF जवानों के साथ स्नाइपर डॉग राजू हमेशा नक्सल विरोधी अभियान में कदम से कदम मिलाकर चलता था.
Naxal IED in Bijapur Chhattisgarh: स्नाइपर डॉग राजू ऐसे हुआ शहीद
स्नाइपर डॉग राजू के शहीद होने की कहानी रोंगटे खड़ी कर देने वाली है. 30 दिसंबर 2024 को नक्सल विरोधी अभियान के दौरान CRPF जवानों के साथ राजू भी चल रहा था. इसी दौरान जंगल में एक पेड़ के नीचे नक्सलियों द्वारा लगाई गई IED की राजू ने पहचान की, लेकिन वह जवानों को संकेत नहीं दे पाया.
उस IED के आसपास कई CRPF जवान और ग्रामीण मौजूद थे. सबकी जान बचाने के लिए राजू खुद IED के ऊपर बैठ गया और ब्लास्ट होते ही वह टुकड़ों में बिखर गया और शहीद हो गया. राजू के IED के ऊपर बैठने से ब्लास्ट का असर जवानों और ग्रामीणों तक नहीं पहुंच पाया और सभी सुरक्षित बच गए.
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