विज्ञापन
This Article is From May 04, 2025

छत्तीसगढ़ में अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए नया सख्त कानून बनाया जाएगा, सीएम साय का बड़ा बयान

CM Sai on religious conversion: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक नया सख्त कानून बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटाने से यह रुक जाएगा.

छत्तीसगढ़ में अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए नया सख्त कानून बनाया जाएगा, सीएम साय का बड़ा बयान

illegal religious conversion: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में आदिवासियों एवं अन्य लोगों के अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए एक नया सख्त कानून लाएगी.

पीटीआई वीडियो को दिए एक साक्षात्कार में साय ने ऐसे आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटाने की भी वकालत की, जो धर्म परिवर्तन करते हैं. उन्होंने कहा कि इससे धर्म परिवर्तन को रोका जा सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा, ''भारत एक देश धर्मनिरपेक्ष देश है. एक व्यक्ति की आस्था और विश्वास के अनुसार उसके कोई भी धर्म अपनाए जाने में कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन कुछ लोग शिक्षा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का लालच देकर और उन्हें भ्रमित कर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं, विशेष रूप से गरीबों का. मैं समझता हूं कि यह गलत है और यह नहीं होना चाहिए. यदि धर्मांतरण करने वाले ऐसे आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया जाए तो यह रुक जाएगा.''

‘इसको और मजबूत करने की आवश्यकता…'

राज्य में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून बनाने संबंधी सवाल पर साय ने कहा, ''अवैध धर्मांतरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ में कानून है. इसको और मजबूत करने की आवश्यकता है. हम अध्ययन कर रहे हैं कि अन्य प्रदेशों में किस तरह के कानून हैं. आने वाले समय में निश्चित रूप से हम कड़ा कानून बनाएंगे ताकि धर्मांतरण को रोका जा सके.''
उन्होंने यह नहीं बताया कि विधानसभा में इस संबंध में नया विधेयक कब पेश किया जाएगा.

इस सवाल पर क्या बोले साय? 

कई आदिवासी समुदायों द्वारा सूची से बाहर करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'संविधान में प्रावधान है कि यदि अनुसूचित जाति (एससी) के लोग अन्य धर्म में धर्म परिवर्तन करते हैं, तो उन्हें संबंधित श्रेणी के तहत दिए जाने वाले लाभों से वंचित कर दिया जाता है.'

उन्होंने कहा, 'लेकिन अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के मामले में ऐसा नहीं है. यदि कोई आदिवासी किसी अन्य धर्म को अपना लेता है, तो उसे एसटी समुदाय को दिए जाने वाले लाभ और यहां तक कि अल्पसंख्यकों को दिए जाने वाले लाभ भी मिलते रहते हैं.'

बस्तर और सरगुजा के आदिवासी सूची से बाहर किए जाने की मांग कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि जो भी आदिवासी ईसाई या अन्य धर्म में धर्मांतरित हुए हैं, उनसे उनका अनुसूचित जनजाति का दर्जा छीन लिया जाए.

साय ने कहा 'आदिवासी समाज द्वारा लगातार मांग (सूची से बाहर करने की) उठाई जा रही है. बिहार से कांग्रेस के सांसद रहे कार्तिक उरांव जी ने संसद में कहा था कि धर्मांतरित आदिवासियों को एसटी श्रेणी के तहत मिलने वाले लाभ नहीं मिलने चाहिए. मेरी जानकारी के अनुसार, इस संबंध में आदिवासी समाज की ओर से 250 से अधिक सांसदों ने संसद में आवेदन प्रस्तुत किए थे. साय ने कहा कि आदिवासी समाज बैठकें आयोजित करके तथा हस्ताक्षर करके सूची से हटाने की मांग उठा रहा है.

ये भी पढ़ें- शिक्षा से बदल रही है बस्तर की दिशा और दशा, दिल्ली की बैठक में मंत्री केदार ने गिनाईं उपलब्धियां


 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close