
Chhattisgarh Conversion News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा-पंडरिया ( Kawardha-Pandaria) विधानसभा क्षेत्र में रविवार को आयोजित संस्कृति गौरव सम्मान और अभिनंदन समारोह विधायक भावना बोहरा (Bhavna Bohra) के प्रयासों से ईसाई समुदाय 70 लोगों का धर्मांतरण कराया गया. इसे अपने मूल धर्म में वापसी का नाम दिया गया. विधायक ने सेवा दिवस के अवसर पर कुई-कुकदुर स्थित विशेष पिछड़ी जनजाति छात्रावास मैदान में इन लोगों का पैर पखार कर स्वागत और अभिनंदन किया.
ईसाई मिशनरियों पर साधा निशाना
खुद धर्मांतरण अभियान चलाने वाली विधायक भावना बोहरा ने धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की भी मांग की. बोहरा ने कहा कि विदेशी फंडिंग से संचालित मिशनरी गतिविधियां आदिवासी संस्कृति को नुकसान पहुंचा रही हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 1968 के धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में संशोधन की पहल की है. इसके तहत धर्मांतरण से पहले 60 दिन पूर्व जिला मजिस्ट्रेट को सूचना देनी होगी और अवैध धर्मांतरण पर 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान रहेगा.
भाजपा नेताओं ने किया अभिनंदन
कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्र चंद्रवंशी, पूर्व नगर संघचालक हरीश लुनिया, कुकदुर मंडल अध्यक्ष बसंत वटिया सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने विधायक बोहरा के प्रयासों की सराहना की. वक्ताओं ने कहा कि पंडरिया में वर्षों से चल रहे धर्मांतरण को रोकने की दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है. गौरतलब है कि वनांचल क्षेत्र के ग्राम झूमर, बोहिल, आगरपानी, नेउर और छिंदीडीह के करीब 70 लोगों का धर्मांतरण कराया.
भू-नक्शा लंबित समस्या का समाधान
इस मौके पर विधायक ने लंबित भू-नक्शा पर कहा कि हाल ही में ग्राम सारपानी के निवासियों का वर्ष 2016-17 से लंबित भू-नक्शा विधायक के प्रयासों से भुईयां सॉफ्टवेयर में अपलोड हुआ है, जिससे ग्रामीणों और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
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जनजाति समाज के लिए सतत प्रयास
विधायक बोहरा ने कहा कि पंडरिया विधानसभा में आदिवासी और वनवासी समाज के उत्थान और विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहा है. अब तक 3300 से अधिक पीएम आवास, निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा, मोबाइल हेल्थ पैथ लैब, शैक्षणिक सुविधाएं, पक्की सड़कों का निर्माण और अधोसंरचना विकास से हजारों परिवार लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि घर वापसी केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति और पहचान को पुनः प्राप्त करने का मार्ग है.
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