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This Article is From Mar 18, 2024

सराहनीय पहल: एक ऐसा गांव, जहां के लोग जन्मदिन और सालगिरह जैसे दिनों पर सपरिवार करते हैं रक्तदान

Blood Donation in Chhattisgarh: प्रदेश के मालगांव ग्राम में रहने वाले लोग पूरे देश के लिए मिसाल हैं. यहां लोग अपने जन्मदिन और मैरेज एनिवर्सरी पर रक्तदान देते हैं. पूरा गांव अपने नाम से कम और अपने ब्लड ग्रुप से ज्यादा पहचाना जाता है.

सराहनीय पहल: एक ऐसा गांव, जहां के लोग जन्मदिन और सालगिरह जैसे दिनों पर सपरिवार करते हैं रक्तदान
परिवार के साथ मिलकर लोग करते हैं रक्तदान

Gariaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला मुख्यालय से लगे महज 2 हजार की आबादी वाले मालगांव (Malgaon) ग्राम के लोग अपने नाम से कम, बल्कि अपने ब्लड ग्रुप (Blood Group) से ज्यादा पहचाने जाते हैं. इस गांव में 18 साल के नौजवान से लेकर 62 साल के बुजुर्ग तक हमेशा रक्तदान (Blood Donation) करने के लिए तैयार रहते हैं. इनके अंदर रक्तदान के प्रति इतनी अधिक जागरुकता है कि यहां महिला और पुरुष जन्मदिन और सालगिरह के अवसर पर सपरिवार रक्तदान करते हैं. गरियाबंद के रक्तदान ग्रुप से जुड़कर 2022 में 1004, 2023 में 840 और पिछले 3 महीने में 330 डोनर रक्तदान कर चुके हैं.

परिवार के 25 सदस्य एक साथ करते हैं रक्तदान

मालगांव निवासी, ग्रामीण युवा ब्लड डोनर ग्रुप के संस्थापक और समाजसेवी भीम निषाद बताते है कि रक्तदान को महादान का दर्जा दिया गया है क्योंकि आपका यह दान किसी इंसान की जिंदगी बचा सकता है. वह इसके लिए अपने गांव के अलावा आसपास के गांव के लोगों को भी रक्तदान के लिए लगातार जागरूक करते रहते हैं. वह खुद अब तक 18 बार रक्तदान कर चुके है. इनके परिवार के 25 सदस्य भी लगातार रक्तदान करते हैं.

राजधानी तक उपलब्ध करा रहे नि:शुल्क रक्त

इस गांव में 100 युवाओं की टोली लगातार 3 साल से रक्तदान शिविर का आयोजन कर मानव सेवा के कार्य में निरंतर लगे हुए हैं. यंहा के सभी युवा ग्रामीण युवा ब्लड डोनर ग्रुप और गरियाबंद ब्लड डोनर ग्रुप के साथ जुड़ कर रक्तदान शिविर और जिला अस्पताल गरियाबंद के माध्यम से निरंतर रक्तदान कर सेवा का कार्य कर रहे हैं. मालगांव के साथ साथ आप-पास के गांव कोदोबतर, बारुका, बहेराबुड़ा, घुटकुनवापारा, भेजराडीह, हरदी, कस, सोहागपुर, मजरकट्टा, भिलाई, पाथरमोहन्दा, चिखली और अन्य गांव के युवा निरंतर सेवा कर जिला अस्पताल गरियाबंद के साथ-साथ राजिम, नयापारा, छुरा, महासमुंद, धमतरी और रायपुर के मेकाहारा और एम्स जैसे बड़े हॉस्पिटलों में जरूरतमंद मरीजों को आसानी से ब्लड उपलब्ध करा रहे हैं.

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रक्तदान के लिए दिव्यांग चम्पेश्वर ध्रुव है मिसाल

17 मार्च को ग्राम मालगांव में लगे रक्तदान शिविर में रक्तदान करने पहुंचे लोगों में ग्राम कस के निवासी दिव्यांग चम्पेश्वर ध्रुव (ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव) पहुंचे थे. चम्पेश्वर एक पैर से दिव्यांग है लेकिन, इसके बावजूद रक्तदान के लिए एक मिसाल पेश कर रहे है. चम्पेश्वर बताते है कि वह अब तक 13 बार रक्दान कर चुके है  और जब भी खून की जरूरत पड़ती है तो वह सबसे पहले उपलब्ध होते है.

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