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This Article is From Apr 27, 2024

Chhattisgarh Rice Scam: PDS में बड़ा घोटाला हुआ उजागर, इतने क्विंटल गरीबों का राशन डकार गए माफिया !

Rice scam: पुरे माले में बड़ी बात यह है कि विक्रेता ने ग्रामीणों से अंगूठा भी लगवा लिया और चावल नहीं दिया, माफियाओं कि मंशा थी कि अगले माह आने वाले चावल को वितरित कर उनके साथ धोखाधड़ी कर लेंगे. इसी इरादे से यहां विक्रेताओं की ओर से हर माह डिले करके राशन दिया जाता है. लेकिन मामले के उजागर होने के बाद समिति संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है.

Chhattisgarh Rice Scam: PDS में बड़ा घोटाला हुआ उजागर, इतने क्विंटल गरीबों का राशन डकार गए माफिया !

Rice Scam: छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले (Janjgir District) के बलोदा ब्लॉक (Bloda Block) में राशन माफियाओं के बड़े कारनामे का पर्दाफास हुआ है. आरोप है कि यहां राशन के डकैतों ने गरीबों के 190 क्विंटल चावल को बेचकर अपनी जेबें गरम कर लीं, जिसकी वजह से गरीबों के चूल्हे ठन्डे पड़े हैं. मामला बलौदा ब्लाक के ग्राम पंचायत नवगंव का है, जहां सेवा सहकारी समिति के लोगों के साथ मिलकर विक्रेताओं ने गरीबों को वितरित किए जाने वाले राशन को चुराकर बेच दिया.

पुरे माले में बड़ी बात यह है कि विक्रेता ने ग्रामीणों से अंगूठा भी लगवा लिया और चावल नहीं दिया, माफियाओं कि मंशा थी कि अगले माह आने वाले चावल को वितरित कर उनके साथ धोखाधड़ी कर लेंगे. इसी इरादे से यहां विक्रेताओं की ओर से हर माह डिले करके राशन दिया जाता है. लेकिन मामले के उजागर होने के बाद समिति संचालक मंडल में हड़कंप मच गया है.

अपराधियों को बचाने में जुटे खाद्य विभाग के अधिकारी

गौरतलब है कि खाद्य निरीक्षक की जिम्मेदारी है कि वह प्रतिमाह इंस्पेक्शन कर राशन वितरण की निगरानी करे, ताकि राशन समय पर कार्डधारियों तक पहुंच जाए और योजना सुचारू रूप से क्रियान्वित होता रहे. लेकिन, इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि खाद्य निरीक्षक ने लगातार रिपोर्ट क्लियर भेजा. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि फिर इतनी बड़ी मात्रा में गरीबों का राशन कहां गया? यानी 190 क्विंटल चावल चोरी के इस मामले में खाद्य विभाग का दामन भी दाग़दार नजर आ रहा है. वहीं, इस पुरे मामले को फ़ूड इंस्पेक्टर के जरिए निपटाने और दोषियों को बचाने की कोशिस की जा रही थी,  लेकिन मीडिया और कुछ जागरूक ग्रामीणों के दबाव के बाद जांच करने को तैयार हुए फ़ूड इंस्पेक्टर ने मौके पर जाकर जब जांच की, तो फ़ूड इंस्पेक्टर अनिरुद्ध तिवारी ने स्वीकार किया कि यहां बड़ी मात्रा में चावल की हेराफेरी कि गई है.

विवादों में रहा है सेवा सहकारी समिति खिसोरा

दरअसल, विवादों में घिरे नवागंव कि उचित मूल्य की दुकान सेवा सहकारी समिति खिसोरा के अंतर्गत आता है. जहां से पूरी गड़बड़ी हुई है.  बता दें कि सेवा सहकारी समिति का विवादों और घोटालों का चोली दामन का साथ रहा है.
यहां के विक्रेता लेखराम यादव और प्रबंधक विनोद आदिले कई बार सस्पेंड हो चुके हैं. वहीं, करोड़ों के धान के गबन और फर्जी केसीसी लोन के मामले में जेल की हवा भी खा चुके हैं.

भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए आजमाए गए कि हथकंडे

इस मामले में बड़ी बात ये है कि राशन कि चोरी लगातार कई महीनों से की जा रही थी. वहीं, चोरी को छुपाने के लिए बार-बार विक्रेता बदले जाते रहे. मामले के सामने आने के बाद विक्रेता ने बताया कि पिछले एक साल में संचालक मण्डल की ऱओ से बिना प्रस्ताव के 5 बार विक्रेता बदल दिया गया और राशन वितरण करने वाले एक भी कर्मचारी को किसी प्रकार की कोई भी लिखित अनुमति व नियुक्ति नहीं दी गई. फिर भी सम्बंधित विभाग का हरकत में नहीं आना संबंधित अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठता है.

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वहीं, सोसायटी के प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर पर लाखों के गबन की जांच चल रही है, ऐसे में बार-बार इन दोषियों का साफ निकल जाना भ्रष्टाचारियों के रसूख और अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है. अब देखना यह है कि मामले के सामने आने के बाद दोषियों पर किसी तरह की कार्रवाई होती है, या फिर पूरा तंत्र अपनी कमियां छुपाने के लिए दोषियों को बचाने में जुट जाएगा. 

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