
Chhattisgarh Hindi News: अब छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV Vehicles) को तेजी से चार्ज करने और 5जी नेटवर्क (5G Network) के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला गैलियम नाइट्राइड सेमीकंडक्टर का निर्माण होगा. छत्तीसगढ़ ने शुक्रवार को तकनीकी विकास की दिशा में एक नया इतिहास रचा है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवा रायपुर (New Raipur) में देश के पहले अल्ट्रा एज टेक्नोलॉजी आधारित गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) आधारित सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र (Semiconductor Manufacturing Plant) की आधारशिला रखी.

यह परियोजना न केवल राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत को सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है. इस अवसर पर पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर ईश्वरा राव नंदम ने छत्तीसगढ़ में 10 हजार करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा भी की. उन्होंने बताया कि अप्रैल-मई 2026 से प्लांट से उत्पादन भी शुरू हो जाएगा.
प्रदेश को मिली आर्थिक मजबूती
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारे प्रदेश के लिए गर्व और प्रगति का ऐतिहासिक क्षण है. सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं, बल्कि तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है. इससे न केवल हमारे युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी.
1,143 करोड़ रुपये का निवेश
करीब 1,143 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाला यह अत्याधुनिक संयंत्र चेन्नई की पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स की ओर से स्थापित किया जा रहा है. यह संयंत्र अत्याधुनिक तकनीक से 5 नैनोमीटर और 3 नैनोमीटर की एडवांस चिप्स तैयार करेगा.
गैलियम नाइट्राइड का फायदा
गैलियम नाइट्राइड (Gallium Nitride) तकनीक को वर्तमान वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में गेमचेंजर माना जा रहा है. यह तकनीक तेज, टिकाऊ और ऊर्जा-कुशल है, जो 5जी, 6जी मोबाइल नेटवर्क, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा एनालिटिक्स, रक्षा क्षेत्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई, AI) जैसे क्षेत्रों के लिए बेहद जरूरी है. अब तक भारत को इस तरह की चिप्स विदेशों से आयात करनी पड़ती थी. लेकिन, अब छत्तीसगढ़ में इनका उत्पादन होने से देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी.
विदेशी निवेश को भी मिलेगी गति
इस परियोजना से विदेशी निवेश (एफडीआई) को भी गति मिलेगी. कंपनी का लक्ष्य है कि 2030 तक हर साल 10 अरब चिप्स का निर्माण किया जाए. इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और लाखों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है. इसका सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में दिखेगा, जहां युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर आधुनिक उद्योग से जोड़ा जाएगा.
राज्य सरकार ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के साथ-साथ ‘स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस' पर भी जोर देते हुए इस यूनिट की स्थापना में किसी भी अड़चन को रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई की. छत्तीसगढ़ सरकार ने दिसंबर 2024 में नई दिल्ली में आयोजित ‘छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट' के दौरान पॉलीमेटेक इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ निवेश प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे. अब शिलान्यास समारोह के साथ छत्तीसगढ़ सरकार 1,143 करोड़ रुपए के निवेश से राज्य की पहली उन्नत सेमीकंडक्टर यूनिट की स्थापना के लिए तैयार है.
उद्योग विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कंपनी को नवा रायपुर के सेक्टर 5 में 45 दिनों से भी कम समय में टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से भूमि आवंटित की गई और 25 दिनों से कम में लीज डीड का पंजीकरण पूरा कर लिया गया.