Naxalites in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजनीति में नक्सल सरेंडर पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने नक्सलियों के सरेंडर पर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि सरकार और नक्सलियों के बीच गोपनीय समझौता हुआ है, जिसके चलते मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री जगदलपुर में रहते हुए भी सरेंडर स्थल पर नहीं गए. वहीं, डिप्टी सीएम अरुण साव ने दीपक बैज पर तंज कसते हुए कहा उन्हें समझ नहीं आयेगा.
बैज ने सरकार से पूछे ये सवाल
नक्सल सरेंडर के नाम पर छत्तीसगढ़ की सियासत में भूचाल मचा हुआ है. इस बीच पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने सरकार से पूछा है, क्या सरकार और नक्सलियों के बीच हुई गोपनीय वार्ता? क्या किसी बड़ी डील का हिस्सा था ये पूरा ऑपरेशन? उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री एयरपोर्ट गए. इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक सरेंडर की चर्चा चली, लेकिन बड़ा सवाल सरेंडर स्थल पर सरकार क्यों नहीं गई? सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वापिस लौट गए. उन्होंने पूछा कि क्या ये सिर्फ फॉर्मेलिटी थी? उन्होंने कहा कि रुपेश उर्फ अभय बड़ा नक्सली चेहरा है,लेकिन उसे मीडिया के सामने क्यों नहीं लाया गया?
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बैज के सवालों पर जवाब देते हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव कहा कि नक्सलवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से साफ कर दिया है कि 2026 तक देश नक्सल मुक्त हो जाएगा. वहीं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं की समझ पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये सब कांग्रेस के समझ से बाहर है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर नक्सलवाद को पालने-पोसने का आरोप लगाया. उन्होंने पूर्ववर्ती बघेल सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल तक कांग्रेस सरकार ने नक्सलियों को पाला-पोसा.
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