
Chhattisgarh BJP: छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार और संगठन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. ये हम नहीं कह रहे हैं ये सब बीजेपी नेताओं की कार्यशैली से जाहिर हो रहा है. दरअसल, कैडर बेस्ड पार्टी में नेता सार्वजनिक तौर से अपना दुख जाहिर कर रहे हैं. बीते दिनों भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ने गाना गाकर उनके क्षेत्र में डीएमएफ फंड से भी काम नहीं होने का दुख जाहिर कर खुद की सरकार को घेरा था, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि सत्ता और संगठन में सामंजस्य बैठ नहीं पा रहा है.
रवि भगत सरकार से उनके क्षेत्र के विकास के लिए डीएमएफ फंड की मांग कर रहे हैं. रवि ने अपने गाने में रोजगार ना मिलने का भी आरोप लगाया है, जिसके बाद सियासी बवाल मच गया है. कांग्रेस को अब बीजेपी और सरकार को घेरने का मौका मिल गया.
कमल में जितनी पंखुड़ियां, उतने भाजपा में गुट
कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा जिसे अनुशासन बताती रही है. वह तानाशाही है. इसके खिलाफ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता मुखर हो रहे हैं. रवि भगत हों, या नारायणपुर के भाजपा के नेता हों, या पूर्व मंत्री ननकी राम हों. वह पहले ही कह चुके हैं कि सरकार में किसी के काम नहीं हो रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल कई बार पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, भाजपा के कमल के फूल में जितनी पंखुड़िया हैं, बीजेपी में उतने गुट बन चुके हैं. यह एक-दूसरे की टांग खींच रहे हैं. बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ लोग आकर्षित हो चुके हैं. यही स्थिति केंद्र में है. आरएसएस और पीएम मोदी का अलग टकराव चल रहा है.
भाजपा ने रवि भगत को भेजा नोटिस
बीजेपी संगठन ने रवि भगत को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस बताए कि उनके द्वारा आदिवासी नेताओं के साथ क्या किया गया था?
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भाजपा ने क्या कहा?
बीजेपी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने आदिवासी की आवाज को दबाने की बात कही. भूपेश बघेल भूल रहे हैं, जब उनके तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने विधानसभा में डीएमएफ फंड के मामले को उठाया था. तब भूपेश बघेल ने उनको प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटवा दिया था.
उनके मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने रानू साहू पर भ्रष्टाचार का मामला उठाया था. रानू साहू DMF के मामले में जेल के अंदर हैं. इन्हीं वजह से सरगुजा की 14 की 14 आदिवासी सीट भूपेश बघेल हार चुके हैं. बस्तर में आठ सीट हार चुके हैं. प्रदेश का मुखिया आदिवासी समाज से है, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने बनाया है और राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर द्रौपदी मुर्मू बैठी हैं. कांग्रेस के नेता उनके खिलाफ में खड़े थे और अपशब्द भी कहे थे.
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