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Teacher Protest in Chhattisgarh: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 2 हजार 897 सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट, क्या आंदोलन से निकलेगी राह

B Ed. Assistant Teachers Protest in Nava Raipur: शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए 12 दिनों से आंदोलनरत हैं. इन लोगों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव भी किया. इस प्रदर्शन के दौरान 30 शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया.

Teacher Protest in Chhattisgarh: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से छत्तीसगढ़ के 2 हजार 897 सहायक शिक्षकों की नौकरी पर संकट, क्या आंदोलन से निकलेगी राह

B ed Assistant Teacher Protest:  छत्तीसगढ़ में 2897 सहायक शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. शिक्षकों का कहना है कि जब भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तब NCTE के 2018 के नियम मान्य थे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी योग्यता पर सवाल खड़े हुए हैं, जबकि उनका चयन पूरी प्रक्रिया के तहत किया गया था. अब वे अपनी नौकरी बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं और सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

ऐसे शुरू हुआ विवाद

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में B.Ed और D.Ed अभ्यर्थियों के बीच विवाद ने इस स्थिति को जन्म दिया. दरअसल, मई 2023 में 6285 सहायक शिक्षकों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. परीक्षा और मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NCTE के 2018 गजट को खारिज कर दिया. 11 अगस्त 2023 को दिए गए फैसले में B.Ed धारकों को प्राथमिक शिक्षकों के लिए अयोग्य ठहराया गया. इसके आधार पर D.Ed अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट ने B.Ed धारकों को मेरिट लिस्ट से हटाकर D.Ed अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया. इसके खिलाफ सरकार और B.Ed अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए, लेकिन 28 अगस्त 2024 को उनकी याचिका खारिज कर दी गई.

नौकरी के बदले नौकरी की मांग

शिक्षक अपनी नौकरी बचाने के लिए 12 दिनों से आंदोलनरत हैं. इन लोगों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव भी किया. इस प्रदर्शन के दौरान 30 शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया गया.

शिक्षकों की मुख्य मांगें

ये शिक्षक नौकरी के बदले नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वे बाकायदा आंदोलन कर रहे हैं. इन लोगों का कहना है कि सरकार हमारे आंदोलन को गंभीरता से लें. इसके साथ ही इन लोगों की मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से सहायक शिक्षकों का पक्ष रखे.

बीजेपी और कांग्रेस में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप

वहीं, इस पूरे मामले पर अब प्रदेश में राजनीति भी गरमाने लगी है. राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भूपेश सरकार की लापरवाही ने शिक्षकों के भविष्य को अंधकार में धकेल दिया है. हाई पावर कमेटी उनके भविष्य के लिए संवेदनशीलता से विचार करेगी.

भूपेश बघेल का पलटवार

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि यह देश की पहली सरकार है, जो युवाओं की नौकरी छीन रही है. 2900 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई थी, लेकिन अब उन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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सरकार गठन करेगी हाई पावर कमेटी

शिक्षकों के भविष्य को लेकर सरकार ने मामले को हाई पावर कमेटी के सुपुर्द करने की योजना बनाई है. कमेटी सभी पहलुओं पर विचार कर शिक्षकों के हित में निर्णय लेगी. दरअसल, 2897 सहायक शिक्षकों की नौकरी का यह मामला केवल उनके भविष्य का सवाल नहीं है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों की गंभीरता का भी परीक्षण है. अब देखना ये होगा कि शिक्षकों का आंदोलन और सरकार की पहल आने वाले समय में इस मुद्दे का क्या समाधान कर पाती हैं. 

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