
Charan Paduka Yojana in Chhattisgarh: तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोग अक्सर जंगलों में नंगे पैर जाते हैं और उनके पास दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें नहीं होतीं. इसके लिए भाजपा सरकार एक खास योजना शुरू करने वाली है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) ने ऐलान किया है कि जून के अंत तक चरण पादुका योजना फिर से शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि भाजपा की इस योजना को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन फिर से इसे शुरू किया जाएगा.
मोदी की गारंटी कर रहे पूरी - सीएम साय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, 'हमारे 16-17 महीने में 'मोदी की गारंटी' में जितनी भी गारंटी थी, हमने उन्हें पूरा किया है. इसमें एक और वादा है चरण पादुका योजना...जो लोग जंगलों में तेंदू पत्ता इकट्ठा करने जाते हैं उनके पैरों में चप्पल तक नहीं होती, कई बार वे दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. इन सबको देखते हुए जब यहां भाजपा की सरकार थी तो चरण पादुका योजना शुरू की गई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार के दौरान इसे बंद कर दिया गया था, अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है.'
चुनाव में किया गया था वादा
बता दें कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही तेंदूपत्ता की खरीदी 5500 रुपये प्रति मानक बोरा में होगी और 4500 रुपये बोनस भी दिया जाएगा. साथ ही, चरण पादुका योजना फिर से शुरु की जाएगी.
क्या है चरण पादुका योजना का उद्देश्य?
तेंदूपत्ता तोड़ने वाले लोग अक्सर जंगलों में नंगे पैर जाते हैं और उनके पास दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें नहीं होतीं. इस योजना का उद्देश्य उन्हें जूते, चप्पल, साड़ी, पानी की बोतल और छाता जैसी वस्तुएं प्रदान करना है.
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कौन-कौन हैंं लाभार्थी?
- छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले लोग
- पहले यह योजना केवल पुरुषों के लिए थी, लेकिन अब महिलाओं को भी शामिल किया गया है
- एक परिवार से अधिकतम दो लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं
- लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
- लाभार्थी को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए
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