
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नरहरपुर विकासखंड के छोटे से गांव मुसुरपुट्टा में शिक्षा को लेकर एक अनोखी पहल शुरू हुई है। यहां के सरकारी कर्मचारी और अधिकारी बच्चों को पढ़ाई में उत्साहित करने के लिए कुछ अलग करने का निर्णय लिया। उनका कहना है कि अगर कोई बच्चा 10वीं या 12वीं की फाइनल परीक्षा में 80 प्रतिशत या उससे ज्यादा अंक लाता है, तो उसे हवाई सफर का मौका मिलेगा।
कुछ साल पहले इस गांव में 60 प्रतिशत अंक हासिल करना बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी। लेकिन अब बच्चे 85, 90 और कभी-कभी 95 प्रतिशत अंक लाकर न सिर्फ अपने परिवार का, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। यह बदलाव शिक्षा के प्रति बच्चों और उनके परिवारों की सोच में बड़ा परिवर्तन दिखाता है।
हवाई सफर का पुरस्कार
इस योजना के तहत, हर साल 80 प्रतिशत से ज्यादा अंक पाने वाले छात्रों को हवाई जहाज में उड़ान भरने का अवसर मिलता है। इस विचार की शुरुआत साल 2008 में हुई थी और 2013 में पहली बार बच्चों को हवाई सफर करवा कर उत्साह बढ़ाया गया। तब से अब तक इस पहल से गांव में शिक्षा में रुचि और उत्साह दोनों बढ़े हैं।
परिणाम और सफलता
इस पुरस्कार के चलते परीक्षा परिणामों में लगातार सुधार देखा गया है। मुसुरपुट्टा के बच्चों ने अब तक लगभग 50 से 60 बच्चों को हवाई सफर का आनंद लेने का अवसर दिया है। इसके साथ ही बच्चों में पढ़ाई के प्रति जोश और मेहनत की भावना भी काफी बढ़ी है।
प्रेरणा का उदाहरण
मुसुरपुट्टा गांव आज पूरे जिले के लिए प्रेरणादायक बन चुका है। यह साबित करता है कि जब समाज, अधिकारी और परिवार मिलकर बच्चों की शिक्षा के लिए काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। संकल्प और सामूहिक प्रयास से छोटे से गांव की तस्वीर बदल सकती है और शिक्षा को नया मुकाम दिया जा सकता है।