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ट्रेन हादसे ने डेढ़ साल के ऋषि को किया 'अनाथ', सवाल- अब कैसे पलेगा बच्चा? डिप्टी CM ने दिया ये जवाब

Bilaspur Train Accident: बिलासपुर में हुए ट्रेन हादसे ने डेढ़ साल के ऋषि को भी अनाथ कर दिया है. इस हादसे में बच्चे के माता-पिता दोनों की मौत हो गई है. अब सवाल सिर्फ यही है कि आखिर डेढ़ साल का ये मासूम अब कैसे पलेगा ? 

ट्रेन हादसे ने डेढ़ साल के ऋषि को किया 'अनाथ', सवाल- अब कैसे पलेगा बच्चा? डिप्टी CM ने दिया ये जवाब

Bilaspur Train Accident: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 4 नवंबर की शाम को रेलवे स्टेशन से कुछ दूर पहले लाल खदान के पास हुए रेल हादसे ने 11 लोगों की जिंदगियां लील लीं. इस हादसे में डेढ़ साल के बच्चे को भी अनाथ कर दिया. जितनी घटना स्थल से कभी करीब 3 किलोमीटर दूर बिलासपुर के देवरी खुर्द गांव में 5 नवंबर की सुबह 10:00 बजे एक ही बात की चर्चा थी कि डेढ़ साल के ऋषि यादव की परवरिश अब कैसे होगी?

देवरी खुर्द मुख्य मार्ग पर संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के सामने सकरी गलियों से होकर करीब 500 मीटर आगे बढ़ने पर एक घर के सामने काफी भीड़ लगी नजर आई. वहां पहुंचने पर ही लोगों ने धीरे से कहा कि अभी अर्जुन की मां को हादसे की जानकारी नहीं है, इसलिए बहुत ही धीमी आवाज में लोग एक दूसरे से बात कर अंत्येष्टि की तैयारी कर रहे हैं. इस घर में एक साथ दो अर्थियां सजाई जा रही हैं. दरअसल बिलासपुर में हुए ट्रेन हादसे में जिन 11 लोगों की मौत हुई उनमें अर्जुन यादव उनकी पत्नी शीला यादव और अर्जुन की सास का भी नाम है. 

पटरी के पास बेसुध पड़ा था बच्चा 

दरअसल बिलासपुर में हुए इस भीषण रेल हादसे की बात सही सोशल मीडिया पर एक बच्चे की तस्वीर वायरल हुई. बच्चा पटरी के किनारे बेसुध पड़ा हुआ मिला जबकि उसके परिवार के किसी सदस्य का कुछ पता नहीं चल रहा था. घटना के करीब चार घंटे बाद पता चला कि बच्चे का नाम ऋषि यादव है, जो अपने पिता अर्जुन यादव, मां शीला और नानी के साथ हादसे का शिकार हुई ट्रेन में था. मृतकों की पहचान होने पर पता चला कि ऋषि की मां पिता और नानी की भी हादसे में मौत हो चुकी है. ऋषि को इलाज के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

इलाज के लिए जांजगीर गए थे 

इधर 5 नवंबर की सुबह देवरी खुर्द गांव में अर्जुन और शीला की अंत्येष्टि की तैयारी में जुटे लोग एक ही बात की चर्चा कर रहे थे कि ऋषि का अब क्या होगा? मृतक अर्जुन की मौसी त्रिवेणी यादव बताती हैं कि इलाज के सिलसिले में गए अर्जुन उसकी पत्नी और सास जांजगीर से लौट रहे थे.

अर्जुन अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला शख्स था, परिवार में  अब सिर्फ ऋषि और उसकी बुजुर्ग दादी ही बची हैं. रिश्तेदारों और परिवार के अन्य सदस्यों की चिंता यही है कि अब ऋषि की परवरिश कैसे होगी? उसकी पढ़ाई-लिखाई का खर्चा कौन उठायेगा और उसका भविष्य क्या होगा? 

लापरवाही का लगाया आरोप 

त्रिवेणी कहती हैं हादसा रेल प्रशासन और सरकार की लापरवाही की वजह से हुआ है. इसलिए अब ऋषि की जिम्मेदारी सरकार को ही उठानी चाहिए. अर्जुन की पड़ोसी डॉली गोस्वामी कहती हैं सरकार मुआवजे के रूप में मृतक के परिवार वालों को कुछ लाख रुपए ही दे रही है. लेकिन एक बच्चे के पूरे जीवन में उसकी देखभाल करने से लेकर तमाम खर्च हैं क्या इस इतने रुपए में संभव हैं? यदि पैसों का मैनेजमेंट कर भी लिया जाए तो आखिर बच्चों की देखरेख कैसे होगी? क्योंकि उसके परिवार में कोई भी ऐसा शख्स बचा ही नहीं जो उसे संभाल सके. 

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डिप्टी सीएम ने दिया ये जवाब 

ट्रेन हादसे में 11 लोगों की मौत और 20 लोग घायल हुए हैं, घायलों की सूची में ऋषि यादव शामिल है. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव 5 नवंबर को घायलों और इलाज में प्रभावित परिवार वालों से मिलने के लिए बिलासपुर पहुंचे. अरुण साव ने कहा कि पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश है. बच्चे के रिश्तेदारों और परिवार के अन्य सदस्यों से भी बातचीत कर स्थिति जानेंगे. सरकार इस पर उचित निर्णय लेगी.

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