![बिलासपुरः सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए आवारा पशुओं को लगाया गया रेडियम बेल्ट बिलासपुरः सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए आवारा पशुओं को लगाया गया रेडियम बेल्ट](https://c.ndtvimg.com/2023-08/qqu9gpk_1200_625x300_03_August_23.jpg?downsize=773:435)
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नेशनल व स्टेट हाइवे की सड़क पर बैठे आवारा पशुओं को सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए रेडियम बेल्ट लगाया गया. अब तक 614 पशुओं में रेडियम बैंड्स और 435 पशुओं में ईयर टैगिंग लगाए जा चुके हैं. वहीं सड़क पर बैठे आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिए 10 अलग-अलग दल गठित कर पशुओं को सड़कों से हटाकर गोठानों, गोशालाओं और अस्थाई शेल्टर में उन्हें ठहराने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही इन्हें रेडियम रिफ्लेक्टिव बेल्ट लगाकर टैग किया जा रहा है, जिससे सड़कों पर इनके बैठने या आने से रात में वाहन चालकों को दूर से ही नजर आ सके.
आवारा पशुओं को किया गया टीकाकरण
बता दें कि बिलासपुर नगर निगम के द्वारा 04 कॉउ कैचर के माध्यम से रहंगी गोठान में 198, मोपका गोठान में 176, पाराघाट गोठान में 171 और तखतपुर गोठान में 15 पशुओं को विस्थापित किया गया है. इन सभी पशुओं को एच.एस. व बी.क्यू का टीकाकरण भी किया गया. जबकि भारत शासन द्वारा संचालित एनडीडीबी के इनॉफ पोर्टल पर 379 पशुओं का आवारा श्रेणी में रजिस्ट्रेशन किया है. वहीं इन पशुओं में से 120 नर सांड को बैगा बिरहोर जनजातियों में कृषि प्रयोजन के लिए और लावारिस गायों को इच्छुक किसानों में जिला प्रशासन द्वारा वितरित किया जाना है.
मोबाइल वेटरनरी यूनिट की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी
जिले में अनुदान प्राप्त चार पंजीकृत गौशाला है जिसमें करीब 760 पशु रखे गये हैं. जबकि नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के पास नये गौशाला खोलने के लिए प्रस्ताव रखे गए हैं. फिलहाल बिलासपुर में कुल 14 पशु चिकित्सालय, 64 पशु औषधालय, 01 चलित पशु चिकित्सा इकाई, 01 रोग अन्वेषण प्रयोगशाला संचालित है. वहीं जिले में जल्द मोबाइल वेटरनरी यूनिट की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी.