
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया एक बार फिर विवादों में आ गई है. इस बार यह मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है. छत्तीसगढ़ विद्यालयीन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष समेत कुल 34 शिक्षकों ने युक्तियुक्तकरण के आदेश और उसके तहत जारी काउंसिलिंग प्रक्रिया को अदालत में चुनौती दी है.
ये आरोप लगा है
याचिकाकर्ताओं की ओर से आरोप लगाया गया है कि विभाग द्वारा की जा रही काउंसिलिंग प्रक्रिया में नियमों का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है. उनका कहना है कि न तो प्रक्रिया पारदर्शी है और न ही इसमें शिक्षकों की वरिष्ठता और विषय विशेषज्ञता का समुचित ध्यान रखा जा रहा है.इसके साथ ही आदेश में कई तकनीकी खामियों और भ्रम पैदा करने वाली बातों की ओर भी इशारा किया गया है.
ये भी पढ़ें नक्सलियों के 'काल' IG सुंदराज को अब भी पसंद है खेती करना! NDTV से बताया- किस चीज का है मलाल?
मुद्दे ने पकड़ा तूल
दरअसल राज्य सरकार ने पहली बार 2 अगस्त 2024 को युक्तियुक्तकरण संबंधी आदेश जारी किया था. लेकिन प्रदेश भर में शिक्षकों द्वारा विरोध और आपत्ति दर्ज कराने के बाद उस पर तत्काल अमल नहीं किया गया था. इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को फिर से संशोधित आदेश जारी किया गया और इस मुद्दे ने फिर तूल पकड़ लिया.
शिक्षकों का आरोप है कि नए आदेश में भी पूर्व के अनुभवों से कोई सबक नहीं लिया गया है. इसमें कई स्थानों पर स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी है, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है. साथ ही ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षकों को बिना उनकी सहमति के स्थानांतरित किया जा रहा है, जो न्यायसंगत नहीं माना जा रहा.
अब हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के बाद यह तय होगा कि क्या शिक्षा विभाग को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पर फिर से विचार करना होगा या अदालत इसे विधिसम्मत मानते हुए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति देगी. फिलहाल, शिक्षकों में इस आदेश को लेकर असमंजस और नाराजगी का माहौल बना हुआ है.
ये भी पढ़ें पूर्व विधायक को रतनपुर की पुलिस ने किया गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर किया था आपत्तिजनक पोस्ट