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जिंदा बच्चा को नहीं मारते हैं ... और कर दिया 4 महीने की गर्भवती का अबॉर्शन! सरकारी अस्पताल की डॉक्टर पर रिश्वत मांगने के आरोप 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला अस्पताल में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है. यहां एक महिला डॉक्टर पर आरोप है कि उसने गर्भपात और नसबंदी करवाने वाली महिला से रिश्वत की मांग की है. वायरल ऑडियो में यह कह रही हैं कि जिंदा बच्चे को नहीं मारते हैं और उसने खुद ही 4 महीने की गर्भवती का अबॉर्शन कर दिया.

जिंदा बच्चा को नहीं मारते हैं ... और कर दिया 4 महीने की गर्भवती का अबॉर्शन! सरकारी अस्पताल की डॉक्टर पर रिश्वत मांगने के आरोप 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला अस्पताल में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला डॉक्टर ने 4 महीने की गर्भवती महिला का अबॉर्शन और फिर नसबंदी की. इसके बदले डॉक्टर ने महिला और उसके परिवार से रिश्वत भी मांगी है. इसका एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है . दावा किया जा रहा है कि ये रिश्वत मांगने वाली महिला डॉक्टर वंदना और पीड़ित महिला के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग के अंश हैं. इस ऑडियो के वायरल होते ही अस्पताल प्रबंधन ने महिला डॉक्टर को नोटिस जारी कर दिया है. हालांकि इस वायरल ऑडियो की NDTV पुष्टि नहीं करता है.

ये है मामला 

तखतपुर क्षेत्र की रहने वाली महिला जयंत्री पटेल के 6 बच्चे हैं. जब वह फिर से प्रेग्नेंट हुई तो गर्भपात और नसबंदी कराने के लिए अस्पताल पहुंची. जयंत्री पटेल का आरोप है कि अस्पताल की महिला डॉक्टर ने उनसे ऑपरेशन के बदले 6,000 रुपये की मांग की. मजबूरन उन्होंने पहले 2,000 रुपये दे भी दिए, लेकिन जब डॉक्टर ने बाकी 4,000 रुपये की मांग की, तो महिला ने यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली. परेशान महिला ने इस ऑडियो को वायरल भी कर दिया. 

वायरल हुए इस ऑडियो में डॉक्टर न केवल अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रही हैं, बल्कि महिला को "नरक जाने" तक का श्राप दे रही हैं. 6 मिनट 35 सेकंड के ऑडियो में जो बातचीत हुई है उसके अंश.. 

डॉक्टर- तुम लोग इतनी बदमाशी क्यों कर रहे हो. हम बोले थे 7 बच्चा-8 बच्चा करने के लिए, हम बोले थे दवाई खाने के लिए. गरीब हो न तो और गरीब बन जाओ... डॉक्टर को धोखा दोगे न और गरीब बन जाओगे. तीन महीना पूरा हो चुका. चौथे महीनें का अबॉर्शन कौन करता है ? छूते भी नहीं हम भी... मेरी ड्यूटी भी नहीं थी. हमने बोला था चार महीने का अबार्शन कराओ और दवाई खाओ? ये सब गलत काम हम नहीं करते हैं. जिंदा बच्चा को हम नहीं निकालते हैं... धोखा से काम कराओगे तो हजार बार धोखा खाओगे... कितना दिए हो पूछ लेना वहां कर जाकर.. 

पीड़ित- हमने तो दिया है न मैम.. 

डॉक्टर-  दो हजार में 4 महीने का धुलाई नहीं होता है. 

पीड़ित- पैसा नहीं है न मैम इसलिए... 

डॉक्टर- ठीक है न भगवान तुमलोगों को और गरीब करे. जितना डॉक्टर को धोखा दोगे न तुम हजार बार धोखा खाओगे. खूब मेहनत करते हैं तब डॉक्टर बनते हैं.

पीड़ित- हम भी तो मेहनत करते हैं न मैम

डॉक्टर- सुनो न मेरे घर काम वाली 3000 रुपए लेती है ऊपर से एक्शन मारती है नहीं आती है. अब तुम्हारे भाई को बुलाओ. उसने ईमानदारी से बोला था जमा करेंगे मैडम...हम बोले थे बेटा जितना धुलाई का है हम लेंगे, बस नसबंदी का नहीं लेंगे. कोई भी कर देगा.  रमा घोष बैठी है, ममता, पटनायक  मैडम, किसी डॉक्टर ने हाथ नहीं लगाया. मेरी ड्यूटी नहीं थी फिर भी हाथ लगाया. विश्वास से डॉक्टर से काम कर दिया है तो दे देना चाहिए. 

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पीड़ित- पैसा नहीं है मैडम

डॉक्टर- चलो न मेरे घर में फ्री में काम कर दो... जिंदा बच्चा को हम नहीं मारते हैं. जाओ भागो यहां से, मेरे पास मत आना... भाई को बुलाओ ... फीस जमा करो 2000 रुपए... हम नहीं करते हैं जांच.जो काम धोखा से कराओगे हजार बार धोखा खाओगे. दो हजार में नहीं होता है. कोई नहीं करता है ये काम...  

ये ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद की सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि जांच के बाद स्पष्ट हो सकेगा कि इस मामले में कितनी सच्चाई है.

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यहां सबसे बड़ी बात ये है कि पूरा मामला अबॉर्शन और नसबंदी दोनों से जुड़ा हुआ है, लेकिन प्रबंधन ने अबॉर्शन की बात को दबाते हुए सिर्फ नसबंदी मामले में जवाब मांगा है. 

अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल

यह पहली बार नहीं है जब इस डॉक्टर के खिलाफ इस तरह की शिकायतें आई हैं. मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और अवैध रूप से पैसे मांगने की घटनाओं को लेकर पहले भी कई बार शिकायतें की गई हैं, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते ऐसे मामले सामने आते रहते हैं.

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ मामला

महिला द्वारा रिकॉर्ड किया गया ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. इसके बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने कहा कि डॉक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.  इस ऑडियो के बारे में हमने संबंधित डॉक्टर का पक्ष लेने के लिए भी उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका. 

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