Bijli Sakhi Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में इकलौता ऐसा जशपुर (Jashpur) जिला है, जहां विद्युत बिल (Electricity Bill) का वितरण महिला स्वं सहायता समूह करता है. इसके प्रत्येक सदस्य को हजारों रुपये की आमदनी इससे आसानी से हो जाती है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Dev Sai) ने इस योजना की बगीचा जनपद की 21 ग्राम पंचायतों में शुरुआत की थी. आज के समय में ये महिलाएं प्रदेश के साथ पूरे देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं. बिजली सखी योजना से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण को एक नई उड़ान मिली है.
नए साल में अधिक विस्तार
बगीचा जनपद के सीईओ प्रमोद सिंह का कहना है कि इस बिजली सखी योजना की सफलता के बाद अब नया साल 2025 में सात और ग्राम पंचायतों में इस योजना का विस्तार किया जा रहा है. गांव में बेरोजगार युवतियां इसे अतिरिक्त आमदनी की अच्छी योजना बता रही हैं. उनका कहना है कि अपने ही गांव में विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में पहुंच कर बिजली मीटर की रिंडीग कर बिल वितरण कर रही हैं. इससे उपभोक्ताओं को भी बिल के अभाव में अतिरिक्त भुगतान जैसी समस्या से छुटकारा मिल जा रहा है.
इतने रुपये देता है बिजली विभाग
जशपुर के 21 ग्राम पंचायतों में बिजली सखी योजना लागू की गई है. हर एक मीटर रीडिंग के लिए बिजली विभाग बिजली सखी को 12 रुपये का पेमेंट करती हैं. इस स्कीम के जरिए महिलाएं चार हजार से 10 हजार रुपये प्रति महीने कमा पा रही हैं. इस योजना ने बिजली सखी के लिए लखपति दीदी बनने के मार्ग को प्रशस्त किया है. सीएम साय ने जशपुर के बगीचा विकासखंड से इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था, जिसका असर दिख रहा है. इस योजना के तहत काम करने वाली महिलाओं ने पीएम मोदी और सीएम साय का आभार भी जताया है.
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महिलाओं ने बताया अपना एक्सपीरिएंस
स्वं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि बिजली सखी योजना के जरिए जशपुर के दूर-दराज के गांवों में महिलाएं बिजली सखी बनकर जाते हैं और मीटर रीडिंग का काम करते हैं. इससे बिजली विभाग को भी मदद मिल रही है. इस योजना के तहत, महिलाएं उन गांवों में मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, जहां बिजली विभाग की पहुंच नहीं है. बिजली सखी की भागीदारी ने बिजली विभाग के काम को आसान बना दिया है. इसके साथ ही आदिवासी क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनने का अवसर सुनिश्चित किया है.
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