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डिप्टी CM का 'ऑपरेशन हिड़मा': मंत्री के साथ भोजन के बाद नक्सली की मां ने भी कहा- बेटा सरेंडर कर दो

Will Naxal Hidma surrender? दशकों से नक्सल आंदोलन की कमान संभाल रहे टॉप कमांडर हिड़मा को लेकर अब सुकमा में शांति और आत्मसमर्पण की सबसे बड़ी पहल सामने आई है. छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा ने हिड़मा के गाँव पुवर्ती जाकर उसकी माँ से मुलाकात की. यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं थी, यह बस्तर में शांति की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है.

डिप्टी CM का 'ऑपरेशन हिड़मा': मंत्री के साथ भोजन के बाद नक्सली की मां ने भी कहा- बेटा सरेंडर कर दो

Most wanted Naxali Hidma: देश के मोस्ट वांटेंड नक्सली हिड़मा को लेकर नई खबर सामने आई है. एक करोड़ से भी अधिक के इनामी माड़वी हिड़मा की के आत्मसमर्पण के लिए सरकार की ओर बड़ी पहल की गई है. सोमवार को यानि 10 नवंबर को खुद छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा हिड़मा के गांव पूवर्ती पहुंचे और उसकी मां से मुलाकात की. डिप्टी CM ने न सिर्फ मां के साथ मुलाकात की बल्कि पूवर्ती के गांव वालों के साथ बैठकर भोजन भी किया. ऐसा बताया जा रहा है कि हिड़मा की मां ने भी अपने बेटे को आत्मसमर्पण करने की सलाह दी है.<

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मां के साथ खाना खाया, कहा- हिड़मा के पास समय कम है

अहम बात ये है कि डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती या दिखावे के बिना, खुद बाइक से हिड़मा के गांव पूवर्ती पहुंचे. न्होंने गांव के बीच जाकर हिड़मा की माँ से मुलाकात की, उनके घर में समय बिताया और वहीं उनके साथ भोजन भी किया. इस मुलाकात के दौरान उन्होंने हिड़मा की मां से कहा- अब हिंसा का कोई अर्थ नहीं रह गया है. बेटा आपका है, उसे लौटना चाहिए. आत्मसमर्पण ही अब सही रास्ता है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार बस्तर में शांति चाहती है और इसके लिए हर संभव पहल की जा रही है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा- हिड़मा के लिए अब समय बहुत कम है. अगर वह लौटना चाहता है, तो सरकार उसके आत्मसमर्पण का पूरा रास्ता खोलेगी.

विजय शर्मा ने इस खूंखार नक्सली की मां से ये भी कहा- वह अपने बेटे को समझाए कि वो अब बंदूक नहीं, विकास का रास्ता चुने.

मां को आशा- जल्द ही बदलेंगे हालात

बताया जा रहा है कि हिड़मा की मां ने कहा- उसने खुद भी अपने बेटे को सरेंडर करने की सलाह दी है. संभव है कि जल्द ही हालत बदलेंगे और नक्सली कमांडर सरेंडर कर सकते हैं. बता दें कि हिड़मा के गांव पूवर्ती में काफी वक्त से सुरक्षा बलों ने न सिर्फ कैंप लगाया है कि बल्कि यहां कई विकास कार्यों को भी अंजाम दिया है. अब इस गांव में स्कूल भी है और लोगों के इलाज के इंतजाम भी हैं.

कौन है माड़वी हिड़मा?

हाल में सुरक्षा बलों के द्वारा चलाए गए अभियान में नक्सल संगठनों के कई बड़े लीडर मारे गए हैं. जिसके बाद बस्तर में हिड़मा और देवजी जैसे चंद कमांडर ही बचे हैं जो नक्सल गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं. हिड़मा को बस्तर का सबसे खतरनाक नक्सली माना जाता है. जिस पर अलग-अलग सरकारों ने कुल मिलाकर एक करोड़ से ज्यादा के इनाम का ऐलान कर रखा है. उसे PLGA का टॉप लीडर माना जाता है. उसने कई बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है. मसलन- ताड़मेटला हमला (2010), झीरम घाटी हमला (2013), बुरकापाल हमला (2017) और अरनपुर आईईडी ब्लास्ट(2023). इन हमलों में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों और दूसरे नागरिकों की मौत हुई है. माडवी हिड़मा की उम्र 50 से 55 साल बताई जाती है. उसने दसवीं तक पढ़ाई की है. यह दुर्दांत नक्सली हमेशा तीन से पांच लेयर के सुरक्षा घेरे में रहता है. हर किसी को हिड़मा से मिलने की इजाजत नहीं होती, यहां तक की माओवादी संगठन के कैडर को भी नहीं। हिड़मा कभी किसी कार्यक्रम में भी शामिल नहीं होता और ना ही मीडिया से रूबरू होता है

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