![दो हफ्ते के सभी सैंपल कोविड JN.1 वैरिएंट के मिले, MP-CG समेत कई राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग जून-जुलाई से है बंद दो हफ्ते के सभी सैंपल कोविड JN.1 वैरिएंट के मिले, MP-CG समेत कई राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग जून-जुलाई से है बंद](https://c.ndtvimg.com/2023-12/1t2epuh_covid-big_640x480_21_December_23.jpg?downsize=773:435)
Spike in Covid-19 cases in India : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देशभर में COVID-19 वेरिएंट (JN.1) के लिए नया अलर्ट जारी किया गया है. कोविड JN.1 वैरिएंट के लिए भारत सरकार और राज्य सरकार चिंतित हैं. इसको लेकर नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी.के.पॉल का कहना है कि "इस समय देश में कोविड 19 के लगभग 2300 सक्रिय मामले हैं. यह उछाल कोविड जेएन.1 वैरिएंट के कारण है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. केरल, गोवा और कर्नाटक में मामले सामने आए हैं.'' हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 जैसी सांस संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि को देखते हुए, स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की तैयारी पर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. इन सबके बीच चौंकाने वाली बात यह सामने आयी है कि पिछले 2 हफ्ते के सभी सैंपल कोविड JN.1 वैरिएंट के हैं और MP-CG समेत कई राज्यों ने जून-जुलाई से जीनोम सीक्वेंस भेजना बंद कर दिया था.
किसने दी यह जानकारी?
भारत के कोविड-19 जीनोमिक सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम INSACOG द्वारा बुधवार को अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में सीक्वेंस के किए गए सभी Sars-CoV-2 सैंपल नए वैरिएंट JN.1 के पाए गए हैं.
इस साल मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घोषणा की थी कि कोविड-19 अब पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी (Public Health Emergency) नहीं है, लेकिन WHO ने सभी देशों से मामलों में बदलते रुझानों पर नजर रखने के लिए निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया था. वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों की प्रयोगशालाओं ने जून-जुलाई से जीनोम सीक्वेंसेस (Genome Sequences) भेजने बंद कर दिए थे.
किन-किन राज्यों ने सैंपल देना बंद किए
रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारियों ने आंकड़ों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग महत्वपूर्ण है लेकिन इसके बावजूद भी आंध्र प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और मेघालय जैसे राज्यों की INSACOG प्रयोगशालाओं ने जून और जुलाई में नमूने भेजना बंद कर दिए थे. पंजाब और चेन्नई की सिंगल लैब्स ने अप्रैल और मार्च में सैंपल भेजना बंद कर दिया.
हाल ही में जिन राज्यों में JN.1 वैरिएंट का पता चला था, वहां से सैंपल पिछले दो महीनों में पेश किए गए थे. गोवा प्रयोगशाला से सीक्वेंसिंग का अंतिम बैच 17 दिसंबर को और महाराष्ट्र की एक लैब से 5 नवंबर को सीक्वेंसिंग का बैच आया था. केरल की एकमात्र INSACOG लैब से सैंपल्स का आखिरी बैच पांच महीने के लंबे अंतराल के बाद 4 दिसंबर को आया था. यहां पिछला बैच 14 जुलाई को प्रस्तुत किया गया था. आधिकारिक आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि पिछले दो हफ्तों में देश भर में कोविड-19 से संबंधित 16 मौतें हुई हैं.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक JN.1 के 21 मामले (Covid Variant JN.1 Cases in India) पाए गए हैं. जिसमें से 19 गोवा से, एक केरल से और एक गोवा-महाराष्ट्र सीमा के पास के क्षेत्र से है.
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