Chhattisgarh News in Hindi: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में रेत खनन के लिए प्रशासन का नवाचार देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को आसानी से रेत उपलब्ध हो सके इसके लिए प्रशासन ने ई-रेत संगवारी पोर्टल लांच किया है. साथ ही जिले के 22 नए रेत घाटों का चयन किया गया है.
बलौदा बाजार में अब 49 रेत घाट
बलौदा बाजार जिले में रेत खनन को संयमित और सुव्यवस्थित करने के लिए प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. जिले में रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने और अवैध खनन पर नियंत्रण के उद्देश्य से प्रशासन ने 22 नए रेत घाटों का चयन किया है. इससे अब रेत घाटों की संख्या बढ़कर 49 हो गए हैं. खनिज विभाग ने यह पहल रेत खनन के क्षेत्र में पारदर्शिता और नियमबद्धता लाने के लिए की है.
जिला खनिज अधिकारी कुंदन कुमार बंजारे ने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को रेत की उपलब्धता सुनिश्चित करने और अवैध खनन पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है. बलौदा बाजार प्रशासन की यह पहल न केवल रेत की किल्लत को दूर करेगी, बल्कि खनन प्रक्रिया को अधिक पर्यावरण-अनुकूल और पारदर्शी बनाने में मददगार साबित होगी. रेत खनन से संबंधित जन सुनवाई और ई-रेत पोर्टल जैसे कदमों से जिले में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी.
बलौदा बाजार में पहले से ही रेत घाटों की बड़ी संख्या
बता दें कि बलौदा बाजार जिले में पहले से 27 रेत घाट चिन्हांकित हैं. इनमें से 14 घाटों पर रेत खनन के अनुबंध हो चुके हैं. 1 घाट पर अनुबंध की प्रक्रिया जारी है. वहीं 1 मोहान घाट को नदी के कटाव को देखते हुए आबंटित नहीं किया गया है. इस तरह से वर्तमान में जिले में कुल 26 रेत घाट चिन्हांकित हैं. इन घाटों में 11 नए रेत घाट बड़े घाट हैं, जिन पर जन सुनवाई के बाद ही कार्य शुरू किया जाएगा. प्रशासन ने घोषणा की है कि नवंबर माह के अंत तक इन घाटों पर जन सुनवाई आयोजित की जाएगी.
प्रमुख नदियां और रेत खनन
बलौदा बाजार जिले में रेत खनन मुख्यतः तीन प्रमुख नदियों महानदी, शिवनाथ, और जोंक नदी से किया जाता है. प्रशासन ने इन नदियों में संतुलित खनन के लिए ठोस योजना तैयार की है, ताकि प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग हो सके.
ई-रेत संगवारी पोर्टल की हुई शुरुआत
कलेक्टर दीपक सोनी ने रेत खनन में पारदर्शिता लाने और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए ई-रेत संगवारी पोर्टल लांच किया है. इस पोर्टल के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को आसानी से रेत उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही अवैध खनन करने वालों पर प्रशासनिक नियंत्रण मजबूत होगा. रेत माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी.
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