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बच्चों को देते हैं Electronic Gadgets तो हो जाएं सावधान, यहां मोबाइल की लत ने ले ली एक मासूम की जान 

Jashpur Crime: मोबाइल की लत ने एक बच्ची की जान ले ली. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

बच्चों को देते हैं Electronic Gadgets तो हो जाएं सावधान, यहां मोबाइल की लत ने ले ली एक मासूम की जान 
पुलिस कर रही नाबालिग बच्ची के फांसी लगाने की जांच

Crime News: तकनीकी चीजों के साथ जीतनी ज्यादा इंसानों की करीबी बढ़ रही है, उतने ज्यादा लोग कम संवेदनशील होते जा रहे हैं. मोबाइल की लत ने छोटे मासूमों को पूरी तरह से अपने चंगुल में ले लिया है. आए दिन मोबाइल के चक्कर में बच्चों की और लोगों की जान जाने की खबर सामने आती रहती है. इसी तरह का एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर (Jashpur) जिले के कछार से सामने आया. यहां एक 15 साल की नाबालिग बालिका ने मोबाइल की डिमांड न पूरी होने पर फांसी लगाकर खुद की जान ले ली. इससे परिजनों में हड़कंप मच गया है. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. 

15 साल की बच्ची ने दे दी जान

पूरा मामला जिले के पत्थलगांव थाना क्षेत्र के कछार बड़पारा का है. यहां इलूश कुजूर अपने परिवार के साथ रहते है. जानकारी के मुताबिक, इलूश कुजूर की 15 साल की बेटी अपनी मां से कई दिनों से नया मोबाइल फोन दिलाने की मांग कर रही थी. लेकिन, उसकी मां ने घर की समस्याएं बताकर बेटी की बात को टाल दिया था. बेटी ने फिर से नए मोबाइल की डिमांड कर दी. फिर मां ने मना कर दिया और कहा कि अभी खेती-किसानी में पैसा खत्म हो गया है. जब धान बिक्री हो जाएगी, तब नया मोबाइल खरीद दूंगी. 

स्वीडेन की सरकार ने हाल ही में एक प्रस्ताव का संज्ञान लेते हुए बच्चों के Screen On Time और फोन के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए है. वहां की सरकार ने दो साल से कम उम्र वाले नवजात के फोन के इस्तेमाल को मना किया है. इसके अलावा, दो से 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए एक घंटे का समय तय किया है, 6-12 वर्ष के बच्चों के लिए दो घंटे और किशोरों के लिए 3 घंटे तक की ‘स्क्रीन' टाइम की अनुमति दी गई है.

पेड़ से लटका मिला शव

नाराज पुत्री ने घर से कुछ ही दूर जाकर कोशम की पेड़ में ओढ़नी का फंदा डालकर फांसी लगा लिया. रात में परिवार वालों को वह घर में नहीं मिली. सुबह जब उन्होंने बाहर निकलकर देखा, तो घर से दूर फांसी लगाई हुई थी. घटना देख परिजनों में चीख-पुकार मच गई. देखा कि उनकी बेटी फंदे से लटक रही थी. मामले में पत्थलगांव एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल ने बताया कि कछार बड़पारा नाबालिग ने मोबाइल की मांग पूरी न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.

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जान के लिए खतरा बना मोबाइल फोन

मोबाइल फोन की लत लगना बहुत खराब हो गया है. आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें फोन की लत और जीदद् के कारण लोगों की जान चली जाती है. टेक एक्सपर्ट्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि पांच साल से छोटे बच्चों को मोबाइल दिखाने से बचना चाहिए. इसके अलावा, 15 साल से कम उम्र वाले बच्चों के फोन के इस्तेमाल को भी पैरेट्ंस को देखना चाहिए.

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