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टॉप नक्सल लीडर्स के ढेर होने के बाद हाई अलर्ट पर बस्तर, काम बंद करने के लिए ठेकेदारों को पुलिस ने लिखा पत्र

नक्सल संगठन के महासचिव के मारे जाने के बाद फोर्स एहतियात बरत रही है. इधर नक्सली भी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने हर ताना-बाना बुनने में लगे हैं. ऐसे में पूरे इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है. 

टॉप नक्सल लीडर्स के ढेर होने के बाद हाई अलर्ट पर बस्तर, काम बंद करने के लिए ठेकेदारों को पुलिस ने लिखा पत्र

High Alert In Naxalites Area Dakshin Bastar: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है. इस अभियान में बड़े कैडर के नक्सली ढेर हो रहे हैं. सुरक्षा बलों ने 10 करोड़ रुपये के इनामी नक्सली बसवराजू को भी मार गिराया है. इसके मारे जाने के बाद नक्सलियों में साफ तौर पर बौखलाहट देखी जा रही है. ऐसे में पूरे दक्षिण बस्तर इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है. नक्सल प्रभावित इन जिलों के थानेदारों ने अपने-अपने इलाके में ठेकेदारों को भी एक पत्र जारी कर सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. 

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नक्सलियों ने भी किया है बंद का आह्वान

नक्सल संगठन के महासचिव बसवराजू को मार गिराने के बाद पुलिस के आलाअधिकारी अपनी रणनीति में कोई चूक नहीं चाहते है. बसवराजू नक्सल संगठन ने समूचे देश से बंद का आह्वान किया है.नक्सलियों के बंद के आह्वान को फोर्स भी बड़ी गंभीरता से ले रही है. नक्सल प्रभावित जिलों के सभी पुलिस अधीक्षकों ने अंदरूनी इलाके में काम कर रहे कॉन्ट्रेक्टर्स को नोटिस जारी किया है. 

पत्र में साफ लिखा है कि अपनी मशीनरी को सुरक्षित स्थानों पर रखें. ठेकेदारों को जैसे ही ये नोटिस मिला, उन्होंने तीन के लिए काम ही रोक दिया. बावजूद इसके नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया.

सुकमा में एएसपी को आगजनी के ट्रैप में फंसाया. पहली बार माओवादियों ने इस तरह का कुचक्र रचा है. पहले खड़ी जेसीबी के सामने प्रेशम बम प्लांट किए और जेसीबी में आग लगा दी. आगजनी की वारदात पर जब एएसपी के साथ फोर्स पहुंची तो प्रेशर बम की चपेट में आए. इस घटना में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे की शहादत हुई है.

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एसओपी के पालन को फिर किया गया नजरअंदाज

एक फिर माओवादियों के न समझ पाने वाले कुचक्र में पुलिस अधिकारी और जवान  फंसे है. यह पहली वारादात नहीं है जब माओवादियों ने इस तरह की रणनीति को अपनाया है. माओवादियों ने पहले भी कई बार बैनर-पोस्टर के नीचे प्रेशर बम प्लांट कर वारदातों को अंजाम दिया है. यदि स्नीफर डॉग और मेटल डिटेक्टर का उपयोग किया गया होता तो इस बड़ी वारदात को टाला जा सकता था. एक छोटी से चूक पूरे फोर्स पर भारी पड़ गई. 2009 में माओवादियों ने तत्कालीन एसपी विनोद चौबे को मारा था. इस बड़ी वारदात के बाद यह दूसरा मामला है जो राज्य सेवा का अफसर को माओवादियों ने शहीद किया है.

2026 की डेड लाइन के बाद मुठभेड़ों में बड़े कैडर के माओवादी मारे गए

- चलपति उर्फ जयराम सीसीएम,इनाम एक करोड़
- बसव राजू जनरल सेकेटरी, इनाम 10 करोड़
- प्रयाग मांझी सीसीएम, इनाम एक करोड़
- गौतम उर्फ सुधाकर सीसीएम,  इनाम 40 लाख
- नीति उर्फ निर्मला डीकेएसजेडसी, इनाम 25 लाख
- जोगन्ना डीकेएसजेडसी, ईनाम 25 लाख
-  रणधीर डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- रुपेश डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- सुधाकर डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- रेणुका डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- जंगु उर्फ नवी उर्फ मधू डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- संगीता डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख
- भास्कर राव डीकेएसजेडसी इनाम 25 लाख

इनके अलावा भी कई नक्सली मारे गए हैं. अपने टॉप लीडर्स के मारे जाने के बाद नक्सलियों में बौखलाहट भी साफ तौर पर देखने को मिल रही है. 

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