Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद अब बस्तर में पत्रकार फिर से निशाने पर हैं. इस बार ये निशाना राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का है. दक्षिण बस्तर के दो जिलों में पत्रकारों को नेताओं की धमकी मिली है. पहला मामला दंतेवाड़ा का है. जहां बीजेपी के जिलाध्यक्ष संतोष गुप्ता ने एक पत्रकार को एफआईआर की धमकी दी है. तो वहीं दूसरा मामला बीजापुर जिले का है. यहां आम आदमी पार्टी के नेता ने भी ऐसा ही किया है. इस पूरे मामले के बाद बस्तर के मीडियाकर्मियों में भारी आक्रोश है. इसे लेकर दंतेवाड़ा जिलामुख्यालय में पत्रकारों ने एक बैठक रखी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्रकारों ने कलेक्टर कुणाल दुदावत, एसपी को एक पत्र सौंपा. बीजेपी के संगठन, सीएम से भी पूरे मामले की शिकायत की है.
कार्रवाई नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन
जिले के पत्रकारों ने शुक्रवार को बैठक रखी.इस बैठक में दक्षिण बस्तर पत्रकार संघ के अध्यक्ष बप्पी राय, वरिष्ठ पत्रकार यशवंत यादव, विनोद सिंह के साथ दर्जनों पत्रकार मौजूद थे. बैठक के बाद पत्रकारों ने कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखा. इस पत्र में अतिक्रमण की जांच कर हटाने की बात लिखी है. साथ ही भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष गुप्ता के द्वारा दी गई धमकी पर भी विधि संवत उचित कारवाई करने की मांग की है. इतना ही नहीं एक पत्र भाजपा प्रदेश संगठन को भी लिखा गया है. साथ ही प्रति मुख्यमंत्री छग शासन को भी दी गई है.
पत्र के माध्यम से अवगत काराया गया है कि भाजपा संगठन के जिला अध्यक्ष पत्रकारों के साथ इस तरह का रवैया अपनाए हुए. दक्षिण बस्तर के पत्रकारों ने अनुरोध किया है कि भाजपा जिला अध्यक्ष पर कार्रवाई करें और पत्रकारों की सुरक्षा को भी सुनिश्चत करें. यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो पत्रकारों को मजबूरन आंदोलनरत होना पड़ेगा.
बीजापुर में भी अभद्रता
इधर बीजापुर में भी एक पत्रकार के साथ अभद्रता हुई है. यहां आम आदमी पार्टी के नेता ने पत्रकार से गाली-गलौच कर धमकियां दी हैं. इसके बाद आक्रोशित पत्रकारों ने इसकी लिखित शिकायत पुलिस से की है. बीजापुर में हुई इस घटना की भी बस्तर के पत्रकारों ने कड़ी निंदा की है.
ये है मामला
दरअसल दंतेवाड़ा में सर्व आदिवासी समाज और कांग्रेस ने बीजेपी के जिलाध्यक्ष संतोष गुप्ता पर दबंगई और उनके करीबियों को संरक्षण देकर अतिक्रमण का आरोप लगाया था. इसकी शिकायत समाज के लोगों ने तहसीलदार से भी की थी. इसकी खबर एक पत्रकार ने प्रकाशित की, जिसमें बाकायदा जिलाध्यक्ष का भी पक्ष लिया गया था. इस खबर के बाद संतोष गुप्ता तिलमिला गए और उन्होंने संबंधित पत्रकार को धमकी दी कि वे इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाएंगे. इस धमकी की खबर जैसे ही स्थानीय पत्रकारों और लोगों को मिली तो पत्रकारों ने भी जिलाध्यक्ष संतोष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस पूरे मामले में संतोष ने सोशल मीडिया पर सफाई दी थी और लिखा था कि मुझे जो बदनाम करेगा उसके खिलाफ एफआईआर करवाउंगा.
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