Balrampur News- छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में इन दिनों भूमाफिया बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं और इस तरह जमीन खरीदी-बिक्री, रजिस्ट्री जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं. राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से आठ लोगों ने करीब 680 एकड़ शासकीय जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने नाम करवा लिया. हालांकि कलेक्टर ने उस जमीन को अब सरकारी मद में वापस लेने का आदेश दिया है.
1954-55 से दिखाया कब्जा
दरअसल, पूरा मामला जिले के रामानुजगंज तहसील के महावीरगंज राजस्व गांव का है जहां के आठ स्थानीय लोगों के द्वारा विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से 680 एकड़ शासकीय जमीन को फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने नाम करवा लिया. साल 1954-55 से उसे जमीन पर मालिकाना हक दिखाते हुए अवैध कब्जा जमा कर रखा था, जिस पर 2018 के तत्कालीन कलेक्टर के कार्यकाल में शिकायत हुई थी और मामले पर जांच टीम भी गठित की गई थी. इसके साथ ही कब्ज़ाधारियों को नोटिस देने के साथ-साथ मामले पर जांच भी की जा रही थी, किन्हीं कारणों से जांच पूरा नहीं हो पाया था. हालांकि मामले पर फिर से गंभीरता दिखाते हुए मौजूदा कलेक्टर ने जांच शुरू करवाई.
पड़ताल के दौरा सामने आई हकीकत
पड़ताल के दौरान जमीन का सीरियल नंबर अलग-अलग मिला. इसके अलावा दस्तावेजो में भी नाम खसरा दर्ज करने में इस्तेमाल की गई अलग-अलग मिला, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि कितना बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है.
कलेक्टर ने दिया ये आदेश
हालांकि कलेक्टर ने जमीन पर ताबीज लोगों से कागजों में मिली गड़बड़ी के संबंध में जवाब भी मांगा, लेकिन उनके द्वारा कोई जवाब पेश नहीं किया गया. लिहाजा इस पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर रिमिजियूस एक्का ने 400 एकड़ जमीन को फिर से शासकीय दस्तावेजों में दर्ज करवा दिया. वहीं शेष जमीन की जांच-पड़ताल जारी है. उस पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी.
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