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कलेक्टर की पहल: 482 ग्राम पंचायतों में बदलेगा मनरेगा सिस्टम, अब क्यूआर से मिलेगी इसके कामों की जानकारी

Chhattisgarh News: बलौदाबाजार में जिला प्रशासन ने मनरेगा कार्यों से संबंधित सूचनाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल तंत्र को मजबूत करते हुए ग्राम पंचायतों में क्यूआर कोड आधारित सूचना प्रणाली लागू की है.  इसके तहत प्रत्येक पंचायत भवन में क्यूआर कोड चस्पा किए गए हैं, जिन्हें स्कैन कर ग्रामीण अपने गांव में संचालित कार्यों की सभी आवश्यक जानकारियां मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे. 

कलेक्टर की पहल: 482 ग्राम पंचायतों में बदलेगा मनरेगा सिस्टम, अब क्यूआर से मिलेगी इसके कामों की जानकारी

Balodabazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में रोजगार दिवस पर डिजिटल पहल की गई है. कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देशन में मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता और जानकारी की आसान उपलब्धता के उद्देश्य से जिले में आयोजित रोजगार दिवस इस बार डिजिटल बदलाव का प्रमाण बना. हर माह की 7 तारीख को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में इस बार सबसे बड़ी पहल के रूप में ग्राम पंचायत भवनों में क्यूआर कोड चस्पा किए गए, जिससे ग्रामीण अब अपने क्षेत्र में चल रहे मनरेगा कार्यों का पूरा विवरण सीधे मोबाइल से प्राप्त कर सकेंगे.

शिकायतों का त्वरित समाधान मिल सकेगा

अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया गया कि क्यूआर कोड स्कैन करने पर उन्हें स्वीकृत कार्यों की सूची, कार्य की प्रगति, बजट विवरण और रोजगार उपलब्धता से संबंधित जानकारी मिल सकेगी.  इससे ग्रामीणों को न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि डिजिटल सुविधा का लाभ भी मिलेगा. इसके साथ ही क्यूआर कोड के माध्यम से हेल्पलाइन और शिकायत पोर्टल तक भी एक क्लिक में पहुंच संभव हो गई है, जिससे मनरेगा से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान मिल सकेगा.  

क्यूआर कोड को मोबाइल कैमरे या क्यूआर स्कैनर एप से स्कैन करने पर मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की सूची, कार्य वार बजट, स्वीकृत राशि, कार्यदिवस, सामग्री से संबंधित खर्च, मजदूरों की संख्या और कार्य प्रगति से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त होगी.  इससे ग्रामीणों को अब पंचायत कार्यालय का चक्कर लगाए बिना मनरेगा गतिविधियों की पारदर्शी जानकारी उपलब्ध होगी.

रोजगार दिवस के दौरान आजीविका डबरी निर्माण के अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त कर सूची तैयार करने और स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए गए. अधिकारियों ने बताया कि आजीविका डबरी ग्रामीण परिवारों के लिए जल संरक्षण, पशुपालन, सिंचाई और आजीविका को बढ़ाने की दिशा में उपयोगी साबित होगी.

वर्तमान में जिले के 482 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनांतर्गत 3922 कार्य संचालित हो रहे हैं. इन कार्यों में डबरी निर्माण, मिट्टी भराई, सड़क निर्माण, तालाब मरम्मत, सिंचाई नहर निर्माण एवं अन्य आजीविका आधारित गतिविधियां शामिल हैं. सभी को चरणबद्ध तरीके से क्यूआर कोड से लिंक किया जा रहा है.

डिजिटल तकनीक के उपयोग से अब ग्रामीणों को अपने गांव में हो रहे विकास कार्यों की वास्तविक जानकारी वास्तविक समय पर मिल सकेगी, जिससे मनरेगा कार्यों के प्रति जागरूकता, जवाबदेही और समयबद्धता में भी वृद्धि होने की उम्मीद है. 

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