
Korea News: कोरिया (Korea) जिला मुख्यालय में एनएच सड़क चौड़ीकरण से पहले बिजली खंभों की शिफ्टिंग जरूरी है. फरवरी 2019 में सड़क से लगे कुछ खम्भों की शिफ्टिंग की गई थी, लेकिन इसके बाद हाईवे से लगे पोल बिजली विभाग ने नहीं हटाए. ओड़गी नाका (Odgi Naka) से कुमार चौक (Kumar Chowk) के बीच 40 से अधिक खंभे हाईवे से लगे हैं जिनकी शिफ्टिंग जरूरी है.
'अब तक बजट राशि नहीं मिली'
तत्कालीन कलेक्टर डोमन सिंह (Doman Singh) ने खंभों की शिफ्टिंग के लिए डीएमएफ से राशि दिए जाने की बात कही थी. जबकि जिला प्रशासन से बिजली विभाग को अब तक बजट राशि नहीं मिली. बिजली विभाग के अफसर भी बजट नहीं होने की बात कहकर खंभों की शिफ्टिंग का कार्य नहीं करवा रहे हैं, जिससे आगे चौड़ीकरण में समस्या आ सकती है. बेहतर आवागमन और शहरी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जिला प्रशासन ने 13 दिसंबर 2022 को खरवत चौक से जमगहना तक 13 किमी सड़क चौड़ीकरण के लिए नाप-जोख शुरू करवाया था.

परेशानी का करना पड़ रहा सामना
सर्वे रिपोर्ट तैयार कर इस पर मंजूरी के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, जिससे सड़क पर लगने वाली जाम से निजात मिल सके, लेकिन 30 से 40 फीट तक सड़क चौड़ीकरण से पहले बिजली खंभों की शिफ्टिंग का कार्य जरूरी है, जिसमें विभागीय प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है. बता दें कि जिला मुख्यालय में छिंदडांड से लेकर शहर की अन्य सड़कें लगातार अतिक्रमण के कारण संकरी होती गईं हैं. कुछ लोगों की लापरवाही के कारण शहर की 90 फीसदी आबादी को जाम से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
मुख्य सड़क के किनारे 10 फीसदी दुकानें ही संचालित हैं. सड़कों पर 5 फीट तक अवैध कब्जे से हाईवे की सड़क गली में तब्दील हो गई है. शहरवासियों का भी मानना है कि बायपास बनने के बाद शहर से आवागमन करने वाली वाहनों की संख्या ही कम हो गई है, जिसका असर फिर व्यापार पर पड़ रहा है. ऐसे में अब युवा भी शहर की सड़क चौड़ीकरण के लिए आगे आ गए हैं. मामले में जेई केशव चंद्रा (JE Keshav Chandra) ने कहा कि शिफ्टिंग का प्रस्ताव भेजा गया है.

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सड़क पर ट्रैफिक दबाव अधिक
शहर के मुख्य सड़क पर दिन रात तैनात रहने वाली ट्रैफिक पुलिस बताती है कि सड़क संकरी हैं. एनएच होने के कारण वाहनों की आवाजाही 24 घंटे होती है. इसमें सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक सड़क पर वाहनों का ज्यादा दबाव रहता है. चौक चौराहों में भी जगह कम है. हालांकि बायपास बनने के बाद भारी वाहनों की संख्या में कमी आई है. हालांकि सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने नगर पालिका टीम समय-समय पर कार्रवाई करती है.

मामले में सीएसपीडीसीएल के एसई रमेश ठाकुर (SE Ramesh Thakur) ने कहा कि पोल शिफ्टिंग को चौड़ीकरण में रुकावट नहीं बोल सकते, बिजली विभाग के पास ऐसा प्रस्ताव या पत्र नहीं आया है. यदि शिफ्टिंग जरूरी है तो प्रस्ताव मिलने के बाद संबंधित विभाग को डिमांड राशि का भुगतान करना होगा. इसके बाद शहर में हाइवे किनारे से खम्भों की शिफ्टिंग करवाई जा सकती है.
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शहर के अनुराग दुबे (Anurag Dubey) ने कहा कि चौड़ीकरण जरूरी है. बायपास तो हर शहर में होती है लेकिन मुख्य मार्ग से जाम की समस्या से निपटना जरूरी है. सरकार चाहे किसी की भी हो चौड़ीकरण का मुद्दा सबसे प्रमुख मांग है. सड़क चौड़ी होती है तो इससे शहर का विकास होगा. लोगों को जाम से राहत मिलेगी.