
Arpa Irrigation Project in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में अरपा-भैंसाझार सिंचाई परियोजना (Arpa-Bhainsajar Irrigation Project) में मुआवजा घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. बिलासपुर (Bilaspur) जिले के कोटा के तत्कालीन एसडीएम व भू-अर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी को निलंबित कर दिया गया है. अरपा-भैंसाझार सिंचाई परियोजना के लिए चकरभाठा में नहर बनाने के लिए हुए भू-अर्जन में अनियमितता के कारण छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने कार्रवाई की है. मंगलवार को तत्कालीन एसडीएम, भू-अर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया. राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर आनंदरूप वर्तमान में बिलासपुर जिले में परिवहन विभाग में पदस्थ थे.
क्या है पूरा मामला?
बिलासपुर के अरपा भैंसाझार परियोजना में मुआवजा वितरण में अनियमितता मामले में लगातार जांच की जा रही है. इस मामले में तत्कालीन हल्का पटवारी मुकेश साहू को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. आरोप हैं कि राजस्व और सिंचाई विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को 3 करोड़ 42 लाख रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है.
जानकारी के अनुसार, भू-अर्जन के प्रकरण में चकरभाटा क्षेत्र में एक खसरे की जमीन को अलग–अलग चार रकबों में बांटा गया. इसके बाद अलग-अलग मुआवजा प्रकरण बनाया गया.
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इन नियमों के तहत कार्रवाई
मिली जानकारी के मुतबिक, इस पूरे प्रकरण में भू राजस्व संहिता की धारा 19 का घोर उलंघन किया गया. भू राजस्व संहिता की धारा 19 का प्रकाशन कराए बगैर ही भूमि अधिग्रहण की जद में आने वाली जमीनों को इसमें शामिल कर लिया गया. पूरी प्रक्रिया गुपचुप तरीके से की गई, जिससे की खुलासा न हो सके. मामले में शिकायत के बाद अलग-अलग स्तरों पर जांच की गई है. इसके बाद तत्कालीन भू-अर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
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