
Chhattisgarh News In Hindi : बिलासपुर में फर्जी डॉक्टर से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां कथित तौर पर सात लोगों की जान चली गई. आरोप है कि उसी फर्जी डॉक्टर के इलाज से छत्तीसगढ़ के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत हो गई. लेकिन उस समय शासन-प्रशासन सहित प्रदेश के नेताओं ने भी चुप्पी साध ली. आज उस घटना को लगभग 18 साल हो चुके हैं. लेकिन इस बीच मध्यप्रदेश के दमोह में उस फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर के करतूत का भांडा तब फूटा जब वहां भी एक निजी अस्पताल में हुए लगत इलाज ने कई मासूमों की जानें ले ली.
फर्जी डॉक्टर का रिकॉर्ड अपोलो अस्पताल में नहीं
मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी डॉक्टर के करतूत का भंडाफोड़ होने के बाद अब इस पूरे मामले में बिलासपुर जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रमोद तिवारी(CMHO. बिलासपुर) ने एक दिन पहले इस मामले को गंभीर बताते हुए टीम से जांच करने की बात कही थी. लेकिन इस मामले में आज पूरी तरह से लीपापोती करने जैसी स्थिति नजर आ रही है. अभी भी उन कथित सात मौतों के फर्जी डॉक्टर का रिकॉर्ड अपोलो अस्पताल से अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया और इस मामले में स्वास्थ्य अधिकारी अभी भी टालमटोल कर रहे हैं..
लेकिन मध्य प्रदेश में जब मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी. इसके बावजूद भी छत्तीसगढ़ में मामले को क्यों दबाया जा रहा है..? यह बड़ा सवाल है. सवाल यह भी है कि अपोलो जैसे बड़े अस्पताल में एक फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति कैसे और किस तरह से हो जाती है.? क्या निजी अस्पताल प्रबंधन भी इस खेल में शामिल था.? अब छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश के फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही है.
कांग्रेस कर रही इस मामले पर FIR की मांग
इस पूरे मामले को लेकर बिलासपुर कांग्रेस कमेटी के द्वारा न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किए जाने की तैयारी है. बल्कि अपोलो अस्पताल प्रबंधन के 5 बड़े नाम का जिक्र करते हुए एफआईआर लिखने की मांग की जा रही है. वहीं, शहर जिला कांग्रेस कमेटी की तरफ से विजय के केशरवानी जैसे नेता जो काफी समय पहले निष्क्रिय हो चुके हैं. उन्हें भी सक्रिय होने का मौका इस बीच मिल गया. मंगलवार को कांग्रेस भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए मीडिया की मौजूदगी में कई गंभीर आरोप लगाते हुए, विजय केसरवानी ने साफ कर दिया कि, आने वाले दिनों में कांग्रेस ने सिर्फ सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी बल्कि, अपोलो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए भी संघर्ष करेगी.
कटघरे में जिम्मेदार
इस दौरान उन्होंने पिछली सरकार जो कि डॉक्टर रमन सिंह की सरकार थी उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया. उनके शासनकाल में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय राजेंद्र शुक्ल की किस तरह से इलाज में लापरवाही और फर्जी डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से मौत के मामले को इन्होंने राजनीतिक तूल दे दिया.
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