
Anti Naxal Operation News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में मंगलवार को सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली. एक-एक बाद सुरक्षाबलों के ऑपरेशन बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने के बाद अब नक्सलियों का हौसला पस्त होता नजर आ रही है. इसी कड़ी में बीजापुर में मंगलवार को दो इनामी समेत 9 नक्सलियों (Naxalites) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
माओवादी की सबसे सशक्त बटालियन पीएलजीए के नौ माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में आत्मसमर्पण किया. इन माओवादियों में आठ लाख रुपये और चार लाख रुपये के दो इनामी नक्सली भी शामिल हैं. बीजापुर पुलिस ने बताया कि यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर किया है.
इन नक्सलियों ने किया समर्पण
आत्मसमर्पण करने वालों में लक्ष्मी माड़वी, पुल्ली ईरपा, भीमे मड़कम, रमेश कारम, सिंगा माड़वी, रामलू भंडारी, देवा मड़कम, रामा पुनेम और हुंगा माड़वी शामिल हैं. ये सभी नक्सली विभिन्न माओवादी गतिविधियों में शामिल रहे थे और कई गंभीर वारदातों में उनकी भागीदारी रही है.
इन हमलों में थे आरोपी
पुलिस के अनुसार, लक्ष्मी माड़वी ने जनवरी 2024 में थाना पामेड़ क्षेत्र में धर्मावरम कैम्प पर हमला किया था. पुल्ली ईरपा 2020 में ओडिशा के मलकानगिरी जिले में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में शामिल थी. भीमे मड़कम ने 2017 में बुरकापाल में पुलिस पार्टी पर घात लगाकर हमला किया था, जिसमें गोलीबारी के दौरान 25 पुलिस जवान शहीद हो गए थे. रमेश कारम ने मई 2017 में मिरतुर थाना के पुलिसकर्मियों पर घात लगाकर फायरिंग की. इसके अलावा, सिंगा माड़वी ने 2022 और 2023 में गादेगुड़ा क्षेत्र में सड़कों को अवरुद्ध करने की घटनाओं में हिस्सा ले चुका था. रामलू भंडारी ने भी कई मौकों पर सड़कें अवरुद्ध करने की घटनाओं में भाग लिया और पुलिया में बम लगाने जैसे खतरनाक कृत्यों को अंजाम दिया. इन सभी माओवादी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में पुलिसकर्मियों की शहादत भी हुई.
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आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी अब राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठा सकते हैं, जिसके तहत उन्हें रोजगार, शिक्षा और चिकित्सा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी. छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति का उद्देश्य नक्सलवादियों को मुख्यधारा में लाकर समाज की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है. पुलिस ने आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों की सराहना की और उन्हें राज्य सरकार की योजना के तहत बेहतर भविष्य का आश्वासन दिया.
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