Ambikapur News: विश्व प्रसिद्ध तिरूपति मंदिर में प्रसाद में मिलावट की घटना के बाद छत्तीसगढ़ में भी सतर्कता बरती जाने लगी है. सरगुजा प्रशासन ने नवरात्रि पर्व को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी धार्मिक स्थलों के आसपास पूजा सामग्री दुकानों में बेचे जाने वाले प्रसादों की जांच शुरू कर दी है.
सरगुजा कलेक्टर के आदेश पर नियंत्रक खाद्य और औषधि प्रशासन नवरात्रि पर्व के मद्देनजर जिले के सभी धार्मिक स्थलों के आसपास स्थित पूजा सामग्री दुकानों में बेचे जाने वाले प्रसादों की नियमित जांच कर रहा है.
वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी आरआर देवांगन ने बताया कि इस गुरुवार को जिले के बड़े सिद्धपीठ महामाया मंदिर परिसर के आसपास लगने वाले पूजा सामग्री एवं प्रसाद विक्रेताओं का औचक निरीक्षण कर सभी प्रकार के प्रसादों की गहन जांच की गई. प्रसाद विक्रेताओं की ओर से बनाए और बेचे जा रहे प्रसाद के हाइजेनिक निर्माण और प्रतिष्ठान की साफ-सफाई के लिए दिशा-निर्देश दिए गए.
दो प्रतिष्ठानों से लिए गए सैंपल
उन्होंने बताया कि मिलावच की शंका के आधार पर दो प्रतिष्ठानों के मेसर्स आनंद श्रीफल भण्डार और मेसर्स जायसवाल प्रसाद एवं मिष्ठान भण्डार से पेड़ा और बेसन लड्डू का नमूना लेकर जांच के लिए खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है. राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर से परीक्षण और विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 नियम विनियम 2011 के के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
तेल और घी की होगी जांच
खाद्य अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन के आदेश पर खाद्य तेल और घी से बने खाद्य पदार्थों पर विशेष नजर रखने के आदेश हैं. वहीं दूसरे राज्य से अंबिकापुर ला कर बेचने वाले प्रसाद, मिठाई पर विशेष नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि नवरात्र में घी का दीप जलता है. इसलिए घी काफी मात्रा में शहर के बाजारों में बेचे जाते हैं. ऐसे में बाहर से आने वाले घी पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है.