
PEKB Coal Mine: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में संचालित राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की परसा ईस्ट कांता बासेन (PEKB Coal Mine) खदान ने नौ मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा बिजली संयंत्र की स्थापना के साथ पर्यावरण के अनुकूल खनन की दिशा में एक नई मिसाल कायम की है. इस पहल के साथ, पीईकेबी खदान राज्य की पहली ऐसी खदान बन गई है, जो पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा पर आधारित है और शत-प्रतिशत ऊर्जा के साथ आत्मनिर्भर बन चुकी है. यह पूरे देश की सैकड़ों खदानों में एक विशेष उपलब्धि है, जहां इतनी बड़ी सौर ऊर्जा का प्रयोग खदान की अपनी बिजली आपूर्ति के लिए किया गया है.

PEKB Coal Mine: खदान में सौर ऊर्जा प्लांट
30 एकड़ में फैला सोलर प्लांट
पीईकेबी खदान में नौ मेगावाट क्षमता वाले अक्षय ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन शुक्रवार 13 जून को किया गया. अम्बिकापुर के विधायक राजेश अग्रवाल ने संयंत्र को प्रारंभ किया. उन्होंने पीईकेबी खदान में पहले खनन की गई लगभग 30 एकड़ भूमि में लगाए गए सौर ऊर्जा संयंत्र का निरीक्षण किया और उसके उपयोग तथा पीईकेबी खदान द्वारा पर्यावरण और स्थानीय लोगों के उत्थान के लिए की गई अनेक पहलों के बारे में विस्तृत जानकारी भी ली.
MLA राजेश अग्रवाल ने कहा, "अदाणी समूह द्वारा पीईकेबी खदान में सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित किया गया है, जो एक महत्वपूर्ण कार्य है. आज देश दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें से सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करना भी शामिल है. मुझे जानकारी मिली है कि सोलर प्लांट के द्वारा यदि सालाना 21.37 लाख यूनिट बिजली ग्रिड में भेजी जाती है, तो वह 17094 टन कार्बन उत्सर्जन को कम करता है, जो कि एक लाख वृक्ष के समकक्ष है. अदाणी एंटरप्राइजेज की यह पहल क्षेत्र में पर्यावरण के संतुलन के साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करने का एक सार्थक प्रयास है."
पीईकेबी खदान की यह पहल दर्शाती है कि खनन क्षेत्र भी सतत विकास के पथ पर अग्रसर होकर अपनी पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकता है. इसके अलावा हाल ही में, अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज ने रायगढ़ के गारे पेलमा 3 में माइनिंग लॉजिस्टिक्स में देश का पहला हाइड्रोजन ट्रक भी लॉन्च किया है जो पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम है. इस तरह की परियोजनाएं राज्य के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों को भी नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने की प्रेरणा दे सकती हैं. यह पहल खदान में निरंतर पर्यावरण-संवेदनशील और समुदाय-केंद्रित विकास मॉडल को अपनाएगी.
इसके पश्चात श्री अग्रवाल ने पीईकेबी खदान में खनन की गई भूमि पर किए जा रहे वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम देखने हेतु नर्सरी का दौरा किया. उन्होंने यहां साल की नर्सरी का अवलोकन कर पौधारोपण भी किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, "पीईकेबी खदान में खननकर्ताओं द्वारा 15 लाख से ज्यादा पेड़ लगाकर जो वन का विकास किया जा रहा है, वह एक प्रशंसनीय प्रयास है. और खासकर साल का पौधा, जो कहीं तैयार नहीं हो सकता है, उसे भी यहां विकसित किया जा रहा है, जो कि पर्यावरण की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल है. इसके लिए मैं अदाणी प्रबंधन को बधाई देता हूं."
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