
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा और सुकमा जिले की सीमा पर सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के शिविरों को ध्वस्त कर वहां से काफी सामग्री बरामद की है. पुलिस अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा और सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र गोगुंडा, सिमेल और परिया गांव की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के शिविरों को ध्वस्त कर दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि सुकमा और दंतेवाड़ा के सरहदी क्षेत्र गोगुंडा, सिमेल और गट्टा पारा गांव के जंगल-पहाड़ी में दरभा डिवीजन के केरलापाल एरिया कमेटी के नक्सली चैतु, बारसे देवा, जगदीश और जयलाल के साथ लगभग 30 की संख्या में सशस्त्र वर्दीधारी नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर 22 से 23 अगस्त तक डीआरजी सुकमा, एसटीएफ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 201 कोबरा बटालियन और डीआरजी दंतेवाड़ा के संयुक्त दल ने नक्सल विरोधी अभियान चलाया.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान 22 अगस्त को दंतेवाड़ा डीआरजी के दल ने सिमेल गांव की पहाड़ी के करीब नक्सलियों का तंबू देखा और घेराबंदी शुरू की. घेराबंदी के दौरान नक्सलियों ने अचानक सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसका सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया. उन्होंने बताया कि संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबल के जवान जब सिमेल से गट्टा पाल और परिया गांव की पहाड़ी में खोजबीन करते हुए आगे बढ़ रहे थे तभी उन्हें नक्सलियों के दो बड़े प्रशिक्षण शिविर मिले. सुरक्षाबल के जवानों ने शिविर को ध्वस्त कर दिया.
उन्होंने बताया कि घटनास्थल की तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों को वहां से काफी राशन, एके 47 की 16 गोलियां, नक्सली वर्दी, प्रिंटर, प्रिंटर की स्याही, मल्टीमीटर, बैटरी चार्जर, इलेक्ट्रिक वायर, पिट्ठू, बर्तन, दवाईयां, नक्सल साहित्य और दैनिक उपयोग का काफी सामान मिला.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल से एक सोलर प्लेट भी बरामद किया गया था जिसे अन्य सामान के साथ नष्ट कर दिया गया. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.