विज्ञापन

भिलाई स्टील प्लांट के 700 मजदूर परिवारों का खतरे में जीवन, घर छोड़ने का मिला नोटिस

भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के हॉस्पिटल सेक्टर में लगभग 700 श्रमिक परिवारों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है, जो पिछले पांच दशकों से वहां रह रहे हैं. ये परिवार बीएसपी के पूर्व कर्मचारी या उनके परिवार के सदस्य हैं और अधिकांश अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से हैं.

भिलाई स्टील प्लांट के 700 मजदूर परिवारों का खतरे में जीवन, घर छोड़ने का मिला नोटिस

भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) के सेक्टर-9 की कॉलोनी में पिछले पांच दशकों से रह रहे लगभग 702 श्रमिक परिवारों पर अब बेदखली का खतरा मंडरा रहा है. संयंत्र प्रबंधन ने इन परिवारों को घर खाली करने का नोटिस जारी किया है, जिससे हजारों लोगों का भविष्य अधर में लटक गया है.

Latest and Breaking News on NDTV

इन लोगों ने कहा कि हम वही परिवार हैं, जिनके पूर्वज भिलाई इस्पात संयंत्र की नींव डालने और निर्माण करने में अपने खून-पसीने से योगदान दे चुके हैं. आज हमारे श्रमिकों की संताने, बहुएं और नाती-पोते लगभग 3500 से अधिक लोग उन्हीं घरों में रह रहे हैं, जहां कभी उनके बुजुर्गों ने देश की इस औद्योगिक धरोहर को खड़ा किया था.

पढ़ाई करने वाले बच्चों का खतरे में भविष्य

उन्होंने कहा कि संयंत्र प्रबंधन के इस कदम से अब इन परिवारों के सिर से छत छिनने का खतरा है. 387 छोटे-छोटे बच्चे, जो आसपास के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं, अब अनिश्चित भविष्य की चिंता में हैं. उनके माता-पिता रोजगार और छत दोनों के संकट से जूझ रहे हैं.

हाईकोर्ट के आदेश पर भी पुनर्वास की व्यवस्था नहीं

साल 2016 में हाईकोर्ट, बिलासपुर ने इन परिवारों को राहत देते हुए बेदखली पर रोक (स्टे आदेश) दिया था, जो वर्ष 2025 तक प्रभावी रहा. उन्होंने बताया कि अदालत ने इस दौरान राज्य सरकार को पुनर्वास और आवास की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे. लेकिन अफसोस, बीते नौ वर्षों में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

आरोप है कि उसी वर्ष तत्कालीन मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक और नगर निगम आयुक्त के बीच 10 एकड़ भूमि हॉस्पिटल सेक्टर के मजदूरों को बसाने के लिए देने की सहमति बनी थी. मगर आज तक वह वादा अधूरा ही रह गया.

एससी-एसटी समुदाय के 90 प्रतिशत लोग

इन परिवारों में से लगभग 90 प्रतिशत लोग अनुसूचित जाति और जनजाति समुदाय से हैं, जो इस्पात संयंत्र और अस्पतालों में सफाईकर्मी, मिस्त्री, सहायक एवं ठेका श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं. यही लोग हैं, जो संयंत्र की साफ-सफाई से लेकर संचालन तक में प्रत्यक्ष योगदान देते हैं लेकिन अब उन्हीं के सिर से आसरा छीना जा रहा है.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close