Share Market News: भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र काफी नुकसान वाला रहा. अमेरिका (America) में मंदी की आहट के चलते वैश्विक बाजारों (World Share Market) के साथ भारतीय बाजारों (Indian Share Market) में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स (Sensex) 2,222 अंक यानी 2.74 प्रतिशत गिरकर 78,759 और निफ्टी (Nifty) 662 अंक यानी 2.68 प्रतिशत गिरकर 24,055 पर बंद हुआ.
बाजारों में दर्ज हुई भारी गिरावट
निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 858 अंक या 4.56 प्रतिशत गिरकर 17,942 पर बंद हुआ और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 2,056 अंक यानी 3.55 प्रतिशत गिरकर 55,857 पर बंद हुआ. सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं. सबसे ज्यादा गिरावट पीएसयू बैंक, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा, ऑटो और आईटी इंडेक्स में देखी गई. सेंसेक्स में 30 में से 28 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं. टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एसबीआई, पावर ग्रिड, मारुति सुजुकी, जेएसडब्ल्यू स्टील, इन्फोसिस, एलएंडटी और टेक महिंद्रा टॉप लूजर्स थे. एचयूएल और नेस्ले ही केवल हरे निशान में बंद हुए हैं.
जापान में ब्याज दर बढ़ने से बढ़ी चिंता
बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में मंदी की आहट और खराब जॉब डेटा एवं जापानी येन के बढ़ने के कारण बाजारों में अस्थिरता का माहौल है. इस कारण से भारतीय बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई है. हालांकि, निफ्टी 24,000 के करीब आकर बंद हुआ है. स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि वैश्विक बाजारों से लगातार आ रही खराब खबरों के कारण गिरावट देखने को मिली है. जापान की ओर से ब्याज दरें बढ़ा दी गई है, जिसके कारण दुनियाभर से जापान का पैसा वापस वहां की अर्थव्यवस्था में जाने की उम्मीद है. वहीं, अमेरिका में भी जॉब डेटा खराब आया, जिसके कारण बाजार में बिकवाली देखने को मिल रही है.
दुनियाभर के बाजारों में आई भारी गिरावट
यहां गिरावट की वजह से रोक दिया गया कारोबार
दक्षिण कोरियाई न्यू एजेंसी योनहाप ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि गिरावट के साथ स्थानीय शेयर बाजार के बेंचमार्क केओएसपीआई 200 में पांच मिनट के लिए कारोबार रोक दिया गया.
अमेरीकी जॉब डाटा और मध्य पूर्व में तनाव ने भी बिगाड़ा बाजार का मूड
दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार अमेरिका में भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है. पिछले हफ्ते शुक्रवार को डाओ 1.51 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ था, यह लगातार दूसरा दिन था, जब डाओ में गिरावट देखने को मिली.अमेरिकी में गिरावट का कारण निराशाजनक जॉब डेटा का आना है, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने का संकेत दिया है.
ये भी पढ़ें- शेख हसीना का तख्ता पलट ! इस्तीफा देकर देश से भागी प्रधानमंत्री, सेना प्रमुख ने किया अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान
वहीं, अमेरिका में भी जॉब डेटा खराब आया है, जिसके कारण बाजार में बिकवाली देखने को मिल रही है. एक अन्य एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में रैली की प्रमुख वजह थी कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सब कुछ ठीक चल रहा है. जुलाई में अमेरिका के खराब जॉब डेटा ने इन सभी पर पानी फेर दिया है. अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है.मध्य पूर्व में तनाव ने इसको और अधिक बढ़ा दिया है, जिसके कारण बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है.
ये भी पढ़ें- Article 370: 5 वर्ष बाद कितने बदले हालात? छत्तीसगढ सीएम बोले, पीएम मोदी ने सपना किया साकार