
Caste Census India: केंद्र सरकार (Union Government of India) ने सोमवार को जनगणना (Census) के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. राजपत्र में बताया गया है कि जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए आधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा.
जाति गणना भी होगी
यह पहली बार है, जब जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जा रहा है. हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र ने जाति आधारित गणना को मंजूरी दी थी, ताकि सरकार बेहतर नीतियां बना सके और इन्हें लक्ष्य-आधारित कर सके.
जाति गणना पर जमकर हुई राजनीति
हालांकि, जाति आधारित गणना की मंजूरी ने राजनीतिक विवाद भी पैदा किया. कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार को सामाजिक न्याय और दबी कुचली जातियों के सशक्तिकरण के लिए उनके विचार को शामिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा. वहीं, भाजपा ने विपक्ष का मजाक उड़ाया और कहा कि विपक्ष पिछड़े वर्गों का चैंपियन होने का दावा करता है, लेकिन असल में एनडीए सरकार ही जमीनी स्तर पर बदलाव ला रही है.
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एक अक्टूबर से होगी पहले चरण की जनगणना
अधिसूचना में कहा गया कि केंद्रीय सरकार, जनगणना अधिनियम, 1948 (1948 का 37) की धारा 3 से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह घोषणा करती है कि भारत की जनसंख्या की जनगणना वर्ष 2027 के दौरान की जाएगी. इसमें आगे कहा गया है कि इस जनगणना के लिए संदर्भ तारीख, संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के सिवाय, मार्च, 2027 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी. संघ राज्यक्षेत्र लद्दाख के लिए और संघ राज्यक्षेत्र जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के हिमाच्छादित असमकालिक क्षेत्रों के लिए संदर्भ तारीख अक्टूबर, 2026 के पहले दिन के 00:00 बजे होगी."
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