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This Article is From Oct 03, 2023

NDTV Interview : नये कुर्ते के सियासी संकेत ! विधायकी का चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Union Minister Prahlad Singh Patel) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के मैदान में उतारा है. 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन प्रहलाद पटेल खादी ग्रामोद्योग भंडार पहुंचे जहां उन्होंने चरखा चलाने के साथ-साथ नया कुर्ता भी खरीदा. एनडीटीवी से हुई खास बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब बेबाकी से दिए.

NDTV Interview : नये कुर्ते के सियासी संकेत ! विधायकी का चुनाव लड़ने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने क्या कहा?
भोपाल:

MP Assembly Election 2023 : केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल (Union Minister Prahlad Singh Patel) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बार विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के मैदान में उतारा है. प्रहलाद पटेल को मध्यप्रदेश की नरसिंहपुर सीट से टिकट दिया गया है. पार्टी हाईकमान द्वारा जिस तरह से केंद्रीय मंत्रियों को विधायकी की टिकट दी गई है उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. 2 अक्टूबर, गांधी जयंती के दिन प्रहलाद पटेल खादी ग्रामोद्योग भंडार पहुंचे जहां उन्होंने चरखा चलाने के साथ-साथ नया कुर्ता भी खरीदा. एनडीटीवी से हुई खास बातचीत में उन्होंने कई सवालों के जवाब बेबाकी से दिए.

1- आज आपने नया नया कुर्ता खरीदा है, चुनावी साल है ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आपने नया कुर्ता क्यों खरीदा, किसी खास दिन या पद के लिये तो नहीं है?

जवाब : खादी (Khadi) खरीदना आत्मनिर्भरता को संबल देना है, उस संकल्प को मजबूती देने के लिए मैं भी खादी पहनता हूं. खादी बनाने वालों की मदद भी करता हूं, उनकी वकालत भी करता हूं और मैं मानता हूं कि गांधीवादी विचारधारा में जितनी भी चीज होती हैं चाहे कपड़े बनाना हो या नशा मुक्ति की बात हो या फिर चाहे स्वच्छता की बात हो, यह शब्दों से नहीं होता अगर आप जीवन में इसको कर पाते हैं तो आपकी निष्ठा घोषित होगी अन्यथा नहीं होगी. प्रधानमंत्री ने तय किया था खादी खरीदना चाहिए, आज एक सांकेतिक दिन है इसीलिए मैंने खादी खरीदा.

2- कई सारे लोग इसे इस संकेत के रूप में देख रहे हैं कि कई सारे सांसद और केंद्रीय मंत्री विधानसभा चुनाव में आ रहे हैं, तो कहीं ये किसी खास पद के लिए तो नहीं खरीदा गया?

जवाब : मुझे लगता है कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे राजधानी में खादी खरीदने का मौका मिला.

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3 - लेकिन कांग्रेस पूछ रही है कि क्या मुख्यमंत्री पद की दौड़ खुल गई है?

जवाब : एक तो मैं पार्टी का अभिनंदन करूंगा, 18 साल से ज्यादा का कार्यकाल मध्यप्रदेश में है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जो गति है, उस प्रगति में हमारी रफ्तार ठीक हो. परिणाम बेहतर से बेहतर हो इसलिए जनता को संतुष्ट करने के लिए, बेहतर प्रबंधन करना पड़ेगा. इसलिए अनुभवी लोग राज्य की राजनीति में वापस आए हैं.

इसको मैं शुभ संकेत मानता हूं लेकिन जब कांग्रेस (Congress Party) हम पर टिप्पणी करती है तो मैं उनसे यह कहना चाहूंगा कि 2003 के वह चेहरे जिनको मैं बेदाग भी नहीं कहूंगा, वह हम पर टिप्पणी कैसे कर रहे हैं?

कांग्रेस के पास तो लीडरशिप ही नहीं है, सेकंड लाइन की लीडरशिप उन्होंने खत्म कर दी है. भारतीय जनता पार्टी के पास इसकी बाद की पीढ़ी के नेता भी हैं. इसलिए इसको हमको सकारात्मक देखना चाहिए मध्य प्रदेश संभावनाओं वाला सुंदर और संसाधनों वाला राज्य है, इसलिए यह शुभ संकेत है.

4 - सीधा सवाल यह है कि अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो क्या आप लोग शिवराज जी की लीडरशिप में कैबिनेट मंत्री बनकर काम करेंगे?
जवाब : मुझे लगता है यह अटकलबाजी है. इस आधार पर कोई चुनाव लड़ने नहीं आया, पार्टी ने कहा चुनाव लड़ना है यह पहली स्टेज है इसके बाद जो फैसला होगा वह पार्टी ही तय करेगी.

5 - लेकिन कई लोगों को लगता है यह डिमोशन है?

जवाब : मुझे लगता है यह सरकारी नौकरी नहीं है, जो किसी पद के पीछे हम पहुंच गये हैं. लीडरशिप तो वह है जिसमें लोकतांत्रिक मूल्य बड़े होते हैं, जरूरी नहीं है आप चीजों को स्वीकार करें, आप किसके नीचे काम करेंगे, किसके ऊपर काम करेंगे यह महत्वपूर्ण नहीं है. आप किसके नेतृत्व में काम करेंगे यह महत्वपूर्ण है.

मैं गर्व करता हूं कि हम मोदी जी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कोई कम और ज्यादा नहीं होता. भूगोल से कोई बड़ा या छोटा नहीं होता. हमारा विजन कैसा है? नीयत कैसी है? यह महत्वपूर्ण है.

6 - बिहार सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं इसे आप कैसे देखते हैं

जवाब : ये सच है कि जब आदमी हार जाता है तो कुछ भी विध्वंस करने के लिए तत्पर रहता है, कांग्रेस इसमें माहिर है. लेकिन मैं दूसरी बात कहता हूं कि जब कांग्रेस के 70-72 साल केन्द्र की राजनीति में थी, तब उन्होंने पिछड़ों को क्या दिया? अगर पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया तो मोदी जी ने दिया, कोई पिछड़ा पहला प्रधानमंत्री बना तो वह भारतीय जनता पार्टी ने बनाया मोदीजी के रूप में.

हमारे मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त लंबी है जो पिछड़ी जाति से हैं. लेकिन हम जातिवाद के आधार पर नहीं राजनीति नहीं करते हैं. विपक्ष जातियों को बांटने या लड़ाने का काम ना करे तो ज्यादा अच्छा होगा.

कांग्रेस इस मामले में गुनहगार है उसने कभी पिछड़ों को वह स्थान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे. 

7 - मध्य प्रदेश से राज्य में क्या इसका फर्क पड़ेगा?

जवाब : मुझे लगता है यही आंकलन राज्य की और देश की जनता को करना चाहिए कि जो पिछड़ों की बात करते रहे उन्होंने कितने पिछड़ों को मौका दिया. वहीं हमने पिछड़ों की बातें अलग से नहीं की, लेकिन लीडरशिप हमेशा पिछड़ों के हाथ में रही है. इसलिए मुझे लगता है 20 साल में चाहे उमाजी हों, बाबूलाल गौर हों या शिवराज जी हो हमने तो पिछड़ों की अलग से कोई आइडेंटिटी बनाने की बात नहीं की, लेकिन लीडरशिप दी. हम जैसे लोग भी हैं, इसलिए तो मैं कह रहा हूं सामने वाली की नीयत में खोट है. आप जिनके नाम पर वोट बटोरते रहें, उनको अपने क्या दिया? नीतीश कुमार अब जनगणना कर रहे हैं, लेकिन जब पिछड़ों को संवैधानिक दर्जा नहीं मिला था तब वो कहां थे?

8 - आखिरी सवाल, चुनावी साल है लेकिन तमाम जो सर्व आ रहे हैं वह कांग्रेस और बीजेपी को लगभग बराबर पर ला रहे हैं, ऐसे में आप क्या 2018 की स्थिति देख रहे हैं?

जवाब : मैं 2003 की पुनरावृत्ति देख रहा हूं, 165 से ज्यादा. स्पष्ट कह रहा हूं. देखना आप इसका परिणाम. आंकलन बड़ा साफ है जब हमारी पहली सूची निकली कांग्रेस चुप. दूसरी सूची निकली कांग्रेस बौखला गई, अब तीसरी आने दीजिए.

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