
Chhattisgarh Election Results : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बंपर जीत की चर्चाओं के बीच कई रोचक किस्से भी सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक किस्सा रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है. पूर्व मंत्री व बीजेपी प्रत्याशी (BJP Candidate) राजेश मूणत ने यहां से कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को हराया. राजेश मूणत को 98 हजार 938 वोट मिले, जबकि जीत हार का अंतर 41 हजार 229 वोटों का रहा. चुनाव प्रचार के दौरान राजेश मूणत के एक समर्थक हर्षवर्धन शुक्ला ने जीत की मन्नत मांगी थी. हर्षवर्धन की मन्नत थी कि राजेश मूणत के चुनाव जीतने तक वे अपना बाल नहीं कटवाएंगे और दाढ़ी भी नहीं बनवाएंगे. चुनाव प्रचार के दौरान करीब एक महीने तक उन्होंने बाल और दाढ़ी नहीं बनवाई. 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद हर्षवर्धन की मन्नत पूरी हुई. हर्षवर्धन के इस मन्नत की जानकारी राजेश मूणत को हुई तो वे हजाम लेकर खुद उनके घर पहुंचे.

बीजेपी प्रत्याशी राजेश मूणत के सामने दाढ़ी बाल कटवाता समर्थक
राजेश मूणत के सामने कटवाए बाल
राजेश मूणत ने अपने समर्थक बाल और दाढ़ी अपने सामने ही बनवाए. हर्षवर्धन ने बताया कि अगर मूणत चुनाव नहीं जीतते तो वह अगले 5 साल तक अपना संकल्प जारी रखते हुए बाल नहीं कटवाते. राजेश मूणत का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के हमारे साथी कार्यकर्ता हर्षवर्धन शुक्ला ने प्रण लिया था कि वह रायपुर पश्चिम विधानसभा में भाजपा की जीत के बाद ही दाढ़ी बनवाएंगे और केश कटवायेंगे. मुझे लगा खुद ही जाकर उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित करना चाहिए.

रेणुका सिंह को सीएम बनाने के लिए हवन और पूजा-पाठ करते उनके समर्थक
सूरजपुर में CM बनाने लिए रेणुका सिंह के समर्थक कर रहे हैं पूजा-पाठ
सरगुजा संभाग की सभी 14 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल करने के साथ ही केन्द्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने भरतपुर सोनहत विधानसभा से जीत का परचम लहराया. जहां प्रदेश की सत्ता की चाभी अब भाजपा को मिलने जा रही, तो वहीं मीडिया के खबरों अनुसार रेणुका सिंह के मुख्यमंत्री की रेस में शामिल होने पर उनके सूरजपुर स्तिथ गृहग्राम रामानुज नगर समेत निर्वाचन क्षेत्र भरतपुर सोनहत में भी जश्न का माहौल है. दोनों ही जगह से उनके समर्थकों का राजधानी पहुंचना शुरू हो गया है. ऐसे सूरजपुर जिले के रामानुज नगर में रेणुका सिंह के समर्थक एक कदम आगे निकलते हुए अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पास के शिव मन्दिर में दर्जनों की तादात में इकट्ठा होकर सुबह से मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना करते दिखाए दिए ताकि उनकी मनोकामना पूरी हो सके.
2003 में शुरू की थी राजनीतिक पारी
भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष के तौर पर अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाली रेणुका सिंह ने अविभाजित सरगुजा जिले के प्रेमनगर विधानसभा सीट से प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता और मंत्री रहे, तुलेश्वर सिंह को 2003 के चुनाव में धरासायी करते हुए जीत हासिल की थी. इसका इनाम उन्हें रमन सिंह के मंत्रिमंडल महिला बाल विकास मंत्री के रूप में मिला. बाद में उन्हें सरगुजा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष भी बनाया गया. हलांकि 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें खेलसाय सिंह ने करारी शिकस्त दी, जिसके बाद रेणुका की सक्रियता थोड़ी कम हो चली थी, तब लोगों को यह लगने लगा कि अब रेणुका सिंह के दिन लौट कर नहीं आने वाले.
किस्मत का सितारा रहा बुलंदी पर
इधर 2018 में भाजपा की चुनावों में दुर्गती हो गई और कांग्रेस ने सत्ता अपने नाम कर ली. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर रेणुका सिंह की किस्मत बदली सरगुजा लोकसभा से टिकट मिला और एक बड़ी जीत हासिल कर उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में जगह बनाई, वे छत्तीसगढ़ से एक मात्र मंत्री बनाई गईं. अपनी तेज तर्रार भाषा शैली की बदौलत उन्हें एमसीबी जिले के भरतपुर सोनहत टिकट दिया गया, जहां लोग यह मानने को तैयार नहीं थे कि रेणुका सिंह चुनाव जीत जाएंगी, लेकिन तमाम कयासों व अटकलों के बीच लगभग 4500 मतों के अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रहीं. जैसे ही रेणुका सिंह ने भरतपुर सोनहत से जीत हासिल की निर्वाचन क्षेत्र समेत पार्टी कार्यकर्ता उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे.
यह भी पढ़ें : NCRB Report : छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा आकस्मिक मौत, जानिए 2022 में कितने लोग काल के गाल में समा गए?