Jabalpur News: क्या आधुनिकता की दौड़ में हमारी संवेदनाएं इतनी मर चुकी हैं कि जिसने जन्म दिया,उसे ही इस हाल में छोड़ दें? यह घटना केवल एक मां के साथ अन्याय नहीं, समाज के नैतिक पतन का आईना भी है.