मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) में हुई घटना सिर्फ एक शख्स के अपमान की नहीं ये कहानी उस समाज की है जहां जाति आज भी जंजीरों में जकड़ी है. ग्वालियर के एक दलित ड्राइवर (Dalit Driver) को अपहरण( kidnapping) कर न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया बल्कि जिंदा इंसान को अपमान की आखिरी हद तक धकेल दिया गया और कथित तौर पर उसे पेशाब पिलाया गया. लेकिन ये अकेली घटना नहीं है और कई हिस्सों से ऐसी ही खबरें आई हैं. ग्वालियर से भिंड, कटनी और दमोह तक फैली ये कहानी किसी अपराध नहीं, इंसानियत के गिरते स्तर की गवाही दे रही है. एक दलित ड्राइवर जिसे सिर्फ इसलिए अपहरण कर पीटा गया क्योंकि उसने ‘ड्राइविंग छोड़ दी'. फिर हैवानियत की वह हद जब उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई और उसमें कथित तौर पर पेशाब मिलाया गया. तीन आरोपी सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा उसे गाड़ी में बैठा कर ले गए रास्ते भर पिटाई भी की.