Railway Tatkal Tickets: भारतीय रेल में हर लाखों लोग सफर करते हैं, लेकिन जब मनचाही यात्रा के लिए तत्काल की बाट जोह रहे यात्री को टिकट नहीं मिलता है तो यात्री किस्मत को कोसते हैं, लेकिन यह अधूरा सच है, क्योंकि ताजा खुलासे में सामने आया है कि रेलवे के आरक्षण काउंटर पर एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में तत्काल टिकट मिलना आम यात्रियों के लिए इसलिए कठिन हो जाता हैं, क्योंकि टिकट काउंडर पर तत्काल टिकट पहले ही बुक हो जाते हैं.
सनी लियोनी के नाम से पत्नी हर महीने उठा रही थी महतारी वंदन योजना का लाभ? सामने आया पति!
आम यात्रियों के हक का टिकट सुविधा शुल्क वालों को को बेंच देते हैं धंधेबाज
जानकारों के मुताबिक अवैध धंधेबाज आम यात्रियों के हक के टिकट को उन लोगों को बेंच देते हैं, जो आम यात्रियों की तरह लाइन लगाने से कतराते हैं और थोड़े अतिरिक्त पैसे देकर ऐसे धंधेबाजों का मनोबल बढ़ाकर भ्रष्टाचार को बढ़ाते हैं. ऐसे यात्री धंधेबाजों को अतिरिक्त रकम देकर दूसरों का तत्काल टिकट लेकर मौज करते हैं.
तेजी से फल-फूल रहा है फर्जी आईडी पर कंफर्म तत्काल टिकट का धंधा
गौरतलब है फर्जी आईडी पर कंफर्म रेल टिकट का धंधा इन दिनों खूब फल फूल रहा है और दलाल यात्रा के लिए कंफर्म टिकट तुरंत देते हैं. यह धंधा किसी एक शहर तक सीमित नहीं है. यह कस्बों और गांवों तक फैला हुआ है.दलाल हर दिन तत्काल टिकट के धंधे से न केवल रेलवे को धता बता रहे हैं, बल्कि आम रेल यात्रियों को बेवकूफ बनाते हैं.
हेल्थ बीमा ले रहे हैं तो सावधान! यहां मेडिक्लेम अप्रूव नहीं कर रही कंपनियां, सर्वे में हुआ खुलासा
टिकट दलाल कंफर्म तत्काल टिकट लोगों को घर तक मुहैया कराते हैं
रिपोर्ट के मुताबिक तत्काल टिकट का गंदा धंधा करने वाले दलाल कंफर्म तत्काल टिकट लोगों को घर तक मुहैया कराते हैं, जिससे लोगों को अतिरिक्त पैसा देने में झिझक नहीं होती है. इससे एक तरफ जहां रेलवे को चूना लग रहा है, तो दूसरी तरफ यात्रियों इसलिए अपनी जेब ढीली कर रहे हैं, क्योंकि टिकट के लिए दौड़-भाग नहीं करनी पड़ती है.
लगाम लगाने में आरपीएफ सीबीआई की साइबर टीम भी नाकाम
बड़ी बात यह है कि ऐसे धंधेबाजों को रोकने में आरपीएफ सीबीआई की साइबर टीम नाकाम है. धंधेबाजों को धंधा अब इतना व्यापक हो चुका है कि अब गिने-चुने धंधेबाज ही मशीनरी की पकड़ में आ पाते हैं. शहर, कस्बों और गांवों में जगह-जगह उग आए ई-टिकट सेंटर अवैध तत्काल टिकट धंधेबाजों को जायज ऑफिस कहें तो गलत नहीं होगा.
पुलिस को खुली चुनौती, 'पकड़ सको तो पकड़ लो' बदमाशों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ललकारा
बेरोक-टोक शहर, कस्बों और गांवों में चलता है टिकट दलालों का धंधा
तत्काल टिकट के अवैध धंधेबाज त्योहारी सीजन में सबसे अधिक प्रभावी होते हैं.इनका संजाल इस कदर फैला है कि मजबूरन लोग टिकट काउंटर के बजाय दलालों से कंफर्म टिकट के लिए संपर्क करते हैं. तत्काल टिकट के धंधेबाज हर दिन रेल वेबसाइट पर 15 से 20 फर्जी आईडी से 10 से 15 टिकट निकालते हैं और सुविधा शुल्क लेकर यात्रियों को बेचते हैं.
ये भी पढ़ें-MP में अब नेत्रहीन करेंगे ड्राइविंग और दृष्टिहीन बुझाएंगे आग, नगरपालिका ने नेत्रहीनों से मांगे आवेदन