Samvidhan Sabha
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन
- Saturday January 25, 2025
- Written by: Sachin Kumar Jain, Edited by: अजय कुमार पटेल
76th Republic Day: 26 जनवरी संविधान सभा की उन बहसों को भी याद करने का दिन है जिनमें तीन वर्षों तक लगातार सभा के विद्वान सदस्यों ने देश का सर्वोच्च विधान तैयार करने के लिए छोटे-छोटे बिंदुओं पर लंबी श्रमसाध्य बहसें कीं ताकि भारत को एक समृद्ध, संप्रभु, न्याय और विवेकसम्मत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में मिल सके.
-
mpcg.ndtv.in
-
संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर
- Tuesday November 26, 2024
- Written by: अजय कुमार पटेल
Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.
-
mpcg.ndtv.in
-
26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन
- Saturday January 25, 2025
- Written by: Sachin Kumar Jain, Edited by: अजय कुमार पटेल
76th Republic Day: 26 जनवरी संविधान सभा की उन बहसों को भी याद करने का दिन है जिनमें तीन वर्षों तक लगातार सभा के विद्वान सदस्यों ने देश का सर्वोच्च विधान तैयार करने के लिए छोटे-छोटे बिंदुओं पर लंबी श्रमसाध्य बहसें कीं ताकि भारत को एक समृद्ध, संप्रभु, न्याय और विवेकसम्मत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में मिल सके.
-
mpcg.ndtv.in
-
संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर
- Tuesday November 26, 2024
- Written by: अजय कुमार पटेल
Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.
-
mpcg.ndtv.in