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Samvidhan Sabha

'Samvidhan Sabha' - 3 News Result(s)
  • Samvidhan Divas: संविधान के एक-एक शब्द में छिपी है गहराई; जानिए क्यों जरूरी है संविधान निर्माण की समझ?‌

    Samvidhan Divas: संविधान के एक-एक शब्द में छिपी है गहराई; जानिए क्यों जरूरी है संविधान निर्माण की समझ?‌

    Samvidhan Divas: हमारे संविधान निर्माताओं ने जो संविधान रचा, उसके पीछे अनेक परिस्थितियां थीं. ध्यान से देखें तो उस दौर के हालात और उनसे जुड़ी प्रतिक्रियाओं को भी हम संविधान में देख सकते हैं. भारतीय संविधान के प्रावधानों में औपनिवेशिक शासन की कमियों और ज्यादतियों को लेकर प्रतिक्रिया साफ महसूस की जा सकती है. एक परतंत्र देश से स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहे हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने संविधान में ऐसी तमाम बातों को शामिल किया जो आज़ादी के महत्व को रेखांकित करती हैं.

  • 26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन

    26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन

    76th Republic Day: 26 जनवरी संविधान सभा की उन बहसों को भी याद करने का दिन है जिनमें तीन वर्षों तक लगातार सभा के विद्वान सदस्यों ने देश का सर्वोच्च विधान तैयार करने के लिए छोटे-छोटे बिंदुओं पर लंबी श्रमसाध्य बहसें कीं ताकि भारत को एक समृद्ध, संप्रभु, न्याय और विवेकसम्मत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में मिल सके.

  • संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर

    संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर

    Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.

'Samvidhan Sabha' - 3 News Result(s)
  • Samvidhan Divas: संविधान के एक-एक शब्द में छिपी है गहराई; जानिए क्यों जरूरी है संविधान निर्माण की समझ?‌

    Samvidhan Divas: संविधान के एक-एक शब्द में छिपी है गहराई; जानिए क्यों जरूरी है संविधान निर्माण की समझ?‌

    Samvidhan Divas: हमारे संविधान निर्माताओं ने जो संविधान रचा, उसके पीछे अनेक परिस्थितियां थीं. ध्यान से देखें तो उस दौर के हालात और उनसे जुड़ी प्रतिक्रियाओं को भी हम संविधान में देख सकते हैं. भारतीय संविधान के प्रावधानों में औपनिवेशिक शासन की कमियों और ज्यादतियों को लेकर प्रतिक्रिया साफ महसूस की जा सकती है. एक परतंत्र देश से स्वतंत्रता की ओर बढ़ रहे हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने संविधान में ऐसी तमाम बातों को शामिल किया जो आज़ादी के महत्व को रेखांकित करती हैं.

  • 26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन

    26 जनवरी: संविधान सभा की बेहद खास बहसों को याद करने का दिन

    76th Republic Day: 26 जनवरी संविधान सभा की उन बहसों को भी याद करने का दिन है जिनमें तीन वर्षों तक लगातार सभा के विद्वान सदस्यों ने देश का सर्वोच्च विधान तैयार करने के लिए छोटे-छोटे बिंदुओं पर लंबी श्रमसाध्य बहसें कीं ताकि भारत को एक समृद्ध, संप्रभु, न्याय और विवेकसम्मत राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की दिशा में मिल सके.

  • संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर

    संविधान सभा में बोले गए थे 36 लाख शब्द, क्या है भारतीय संविधान? जानिए इसका सफर

    Constitution Day Of India 2024: संविधान सभा की कार्यवाही पर कुल व्यय और उसके दर्शक 26 नवम्बर 1949 को, जिस दिन संविधान सभा में संविधान को अंगीकार किया गया, उस दिन डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा को बताया कि लगभग तीन साल तक चली संविधान सभा की प्रक्रिया पर कुल 63,96,721 रुपये का व्यय आया. जब संविधान बन रहा था, तब लगभग 53 हज़ार लोगों ने दर्शक दीर्घा से उस प्रक्रिया को देखा. हाथ से लिखे गये इस दस्तावेज में कहीं भी कोई गलती नहीं है, यहां तक कि स्याही का कोई अतिरिक्त बिंदु भी नहीं गिरा दिखाई देगा.

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