Acharya Vidyasagar Death
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24 घंटे में पीते थे सिर्फ एक अंजुली जल, फल और सब्जी का आजीवन त्याग, आचार्य विद्यासागर को कितना जानते हैं आप?
- Sunday February 18, 2024
जैन धर्म के सबसे बड़े महाराज आचार्य विद्यासागर ने 18 फरवरी को समाधी ले ली. छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित जैन तीर्थ स्थान चंद्रगिरी में शनिवार की रात 2 बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अपना देह त्याग कर दिया.
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सल्लेखना प्रथा क्या है जिसका पालन कर आचार्य विद्यासागर ने ली समाधि? चंद्रगुप्त मौर्य ने भी किया था प्राणों का त्याग
- Sunday February 18, 2024
इतिहास में पहले भी लोग सल्लेखना के माध्यम से प्राण त्याग चुके हैं. मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य ने सल्लेखना विधि से ही अपने प्राणों का त्याग किया था.
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कौन थे आचार्य विद्यासागर महाराज जिन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने माना 'ब्रह्मांड का देवता'? शोक में डूबा जैन समाज
- Sunday February 18, 2024
आचार्य विद्यासागर के निधन पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है. चंद्रगिरि तीर्थ की ओर से जारी बयान के अनुसार, आचार्य विद्यासागर महाराज ने देर रात 2:35 बजे 'चंद्रगिरि तीर्थ' में 'सल्लेखना' करके देह त्याग दी.
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