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In Pics: रेत माफिया हुए बेलगाम, देखिए- घड़ियाल अभ्यारण्य में कैसे हो रहा है रेत का अवैध उत्खनन

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन का काम कई घाटों पर बेखौफ होकर किया जा रहा है. हालात यह है कि सैकड़ों वाहनों के साथ-साथ खुदाई के लिए थ्रीडी मशीनें भी उपयोग की जा रही हैं. रेत के अवैध उत्खनन से घड़ियालों के जीवन पर संकट दिखाई दे रहा है.

  • राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य के 435 किलोमीटर क्षेत्र में अत्यधिक प्रजनन वाले नदी घाट बरवासिन, गयापुरा, गड़ोरा का पुरा, टिगरी रिठौरा पर मशीनों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. सैकड़ों वाहनों के माध्यम से बाहर भेजा जा रहा है. (फोटो-कंटेंट-उपेन्द्र गौतम, अंबु शर्मा)
  • चम्बल नदी के एक दर्जन से अधिक घाट पर बेखौफ अवैध उत्खनन व परिवहन किया जाना प्रशासन-पुलिस, वन विभाग तथा खनिज व राजस्व के टास्कफोर्स की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है. (फोटो-कंटेंट-उपेन्द्र गौतम, अंबु शर्मा)
  • चम्बल से निकलकर रेत मध्यप्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और उत्तरप्रदेश के कई क्षेत्रों तक भेजी जा रही है. (फोटो-कंटेंट-उपेन्द्र गौतम, अंबु शर्मा)
  • वर्तमान समय में घड़ियाल का प्रजनन शुरु हो गया है. मई के मध्य तक अंडों से बच्चों के निकलने का सिलसिला बना रहेगा. घड़ियाल का जीवन रेत से शुरू होता है और रेत का अवैध उत्खनन उनके जीवन को मिटाता हुआ दिख रहा है. (फोटो-कंटेंट-उपेन्द्र गौतम, अंबु शर्मा)
  • रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिये वन विभाग को एक कम्पनी सशस्त्र बल मिला है, लेकिन इसका उपयोग न होने से रेत माफिया बेखौफ अवैध कारोबार में जुटे हुए हैं. (फोटो-कंटेंट-उपेन्द्र गौतम, अंबु शर्मा)