Chhattisgarh: हादसे में गंवा दिया पैर फिर भी मजबूत इरादे से जीते सैकड़ों मेडल, देखें जज्बे की ये झलक
अब तक सामान्य युवाओं को तो बॉडी बनाते हम देखते आए हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के एमसीबी के चिरमिरी हल्दीबाड़ी के रहने वाले 38 साल के धर्मेद्र दास ने अपनी कमजोरी को ही ताकत बनाकर पावर लिफ्टिंग और बेंच प्रेस प्रतियोगिता में सैकड़ों मेडल जीते हैं.
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जनवरी 2024 में उत्तराखंड देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय एशियाई पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में चिरमिरी के धर्मेंद्र दास ने गोल्ड मेडल हासिल किया है. दिव्यांग कैटेगरी में 110 किलोग्राम वजन उठाकर धर्मेंद्र विजेता बने. चैंपियनशिप में भारत, मंगोलिया, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, पुर्तगाल आदि के खिलाड़ियों ने भाग लिया था. धर्मेंद्र इससे पहले भी राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं.
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भाग दौड़ और डिजिटल युग में युवाओं के पास अपने आप को फिट रखने का भी समय नहीं है, लेकिन अब धर्मेंद उन युवाओं के लिए मॉडल बन रहे हैं. जो सामान्य होने के बाद भी कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे युवाओं को धर्मेद्र में कुछ उम्मीद दिखाई पड़ रही हैं और वे इस प्रोफेशन में आ रहे हैं. ऐसे ही करीब 200 युवाओं को धर्मेंद्र बॉडी बिल्डिंग के लिए प्रोत्साहित करने जिम तक लेकर पहुंचे और उन्हें ट्रेनिंग देना शुरू किया है, ताकि वे भी बॉडी बिल्डिंग करने के बाद वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप के लिए तैयार हो सकें. उनसे प्रशिक्षण लेने वाले युवा धर्मेंद्र की देखरेख में ट्रेनिंग कर रहे हैं.
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रोज सुबह 5 से 8 बजे तक जिम में पसीना बहाते हैं. इसमें दिव्यांगता भी इनके आड़े नहीं आ पाई. बॉडी मेंटेन रहे, इसके लिए डाइट पर विशेष ध्यान देते हैं. बॉडी बिल्डिंग में धर्मेद्र को बहुत रुचि है. अपने इस शौक को प्रोफेशन बनाना चाहते थे. इसलिए अब वे अपने आसपास के युवाओं को इस क्षेत्र में प्रोत्साहित कर रहे हैं. बॉडी बिल्डिंग भी एक प्रकार का स्पोर्टस और इसमें आज के समय में कैरियर बनाने की बहुत से संभावनाएं है.
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नगर निगम जिम में कोच रह चुके धर्मेंद्र के प्रयास से चिरमिरी से युवा से लेकर बुजुर्ग प्रतिभागियों ने भी पावरलिफ्टिंग में क्षेत्र व जिले का नाम रोशन करते हुए मेडल जीते. धर्मेंद्र ने अपने प्रदर्शन के बल पर खुद पावरलिफ्टिंग में करियर बढ़ाने के साथ ही चिरमिरी व जिले के अन्य प्रतिभागियों को इसमें बेहतर बनाया.
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धर्मेंद्र ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में स्टेट से लेकर नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियनशिप में पहला स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तैयारी में जुटे हैं. बता दें कि धर्मेद्र हादसे में अपना बायां पैर गवां चुके है. बावजूद इसके वह हिम्मत नहीं हारे. फोटो-कंटेंट- फलिता भगत , अंबु शर्मा