
मध्य प्रदेश के मैहर जिले में रविवार देर रात एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें न्यायालय लिपिक दुर्गेश पटेल (31) की खुले गड्ढे में गिरने से मौत हो गई. मृतक मूल रूप से मंडला का निवासी था और इन दिनों मैहर कोर्ट में पदस्थ था. वह सरस्वती नगर में किराए के मकान में रह रहा था.
जानकारी के अनुसार, दुर्गेश अपनी बाइक से संतथाम स्कूल के सामने से गुजर रहा था. इसी दौरान सड़क किनारे किए गए गड्ढे की वजह से उसकी बाइक अनियंत्रित हो गई और वह सीधे उसमें जा गिरा. हादसा इतना गंभीर था कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि निर्माण कार्य के चलते सड़क किनारे गहरा गड्ढा खोदा गया था, लेकिन वहां न तो कोई बैरिकेडिंग की गई थी और न ही सुरक्षा के लिहाज से चेतावनी बोर्ड लगाया गया था.
इस लापरवाही से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है. नागरिकों का कहना है कि प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही ने एक युवक की जान ले ली. अगर गड्ढे के आसपास सुरक्षा इंतजाम होते तो इस तरह की दुर्घटना नहीं होती. आक्रोशित लोगों ने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों.
हादसे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. वहीं, इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. लोग प्रशासन से नाराज हैं और सख्त निगरानी की मांग कर रहे हैं.
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर विकास और निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी क्यों की जाती है. एक छोटी सी लापरवाही ने एक परिवार से उसका इकलौता सहारा छीन लिया और शहर को गहरे दुख में डूबो दिया.