जज्बे को सलाम... पत्थरों को चीरकर खोज निकाला पानी, जल गंगा संवर्धन अभियान में किया श्रमदान

MP News: मऊगंज के कुछ युवाओं ने खास मिशाल पेश की. प्रदेश में चल रही जल गंगा संवर्धन अभियान के दौरान श्रमदान करके पत्थर तोड़कर पानी निकाल दिया.

Advertisement
Read Time: 2 mins

Jal Ganga Conservation Campaign: कहते हैं कि अगर किसी काम को करने की ठान लो, तो सफलता मिलने से पहले पीछे मुड़कर नहीं देखा जाता है... वह भी युवाओं की एक पूरी टीम हो तो मानो मंजिल तो मिलनी तय है... कुछ इसी तरह का उत्साह मऊगंज (Mauganj) जिले के युवाओं में देखने को मिला. नईगढ़ी जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत माड़ौ के दर्जन भर युवाओं ने श्रमदान कर सूखी हुई बावली (Step Well) का पत्थर तोड़ कर पानी निकालने में सफलता हासिल की. जल गंगा संवर्धन अभियान (Jal Ganga Conservation Campaign) को जन भागीदारी से जमीनी रूप देने के लिए कलेक्टर मऊगंज अजय श्रीवास्तव (Ajay Shrivastav) द्वारा की गई हौसला अफजाई से उन्हें यह सफलता मिली.

20 साल से सूखी पड़ी थी बावली 

ग्राम पंचायत माड़ौ के चंद्रमणि नापित, राकेश कोल, अरुण मिश्रा, दयाशंकर जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, सिंटू जायसवाल, रावेंद्र जायसवाल, ओम प्रकाश शुक्ला, राम आशीष यादव, भास्कर जायसवाल, केशव सिंह, मोहित जायसवाल, प्रमेन्द्र जायसवाल, अजीत जायसवाल, राजलाल जायसवाल, प्रवीण साकेत, सज्जन कुशवाहा, मनीष यादव, चंद्रमणि जायसवाल जैसे युवा एकजुट हुए और 20 वर्ष पुरानी सूखी पड़ी बावली की पहले सफाई की.  

Advertisement
Advertisement

बावली के तलहटी में पत्थर मिलने से सभी युवा पत्थर की तुड़ाई में जुट गए. करीब एक पखवाड़े तक चली युवाओं की कड़ी मेहनत का परिणाम रहा कि बिना कंप्रेसर मशीन प्रयोग किए बाजुओं के दम पर हथौड़े से पत्थर तोड़कर पानी निकालने में सफल रहे. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :- MP में आफत लेकर आई बारिश, बिजली गिरने से 5 की मौत, 7 झुलसे

कलेक्टर ने दी बधाई

युवाओं द्वारा किए गए इस अद्भुत की जानकारी होते ही जिला कलेक्टर अजय श्रीवास्तव बावली देखने पहुंचे और युवाओं से मिले और उनका उत्साह वर्धन करते हुए बधाइयां दी. बता दें कि युवाओं की टीम में प्रवीण साकेत जिला क्षेत्र में ही पटवारी पद पर कार्यरत हैं. वहीं, चंद्रमणि नापित रोजगार सहायक हैं. इस दौरान कलेक्टर मऊगंज ने युवाओं के जज्बे को सलाम किया.

ये भी पढ़ें :- भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई डिंडोरी की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना, धराशाई हुआ नहर का एक बड़ा हिस्सा 

Topics mentioned in this article