Indian Handicrafts and Gifts Delhi Fair 2025: दिल्ली-एनसीआर के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित 60वें इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स एंड गिफ्ट्स दिल्ली फेयर 2025 में भारत की पारंपरिक कला और हस्तशिल्प की अनूठी झलक ने सभी को आकर्षित कर रही है. इस अंतरराष्ट्रीय मेले में देश-विदेश से आए हजारों खरीदारों, डिजाइनरों और व्यवसायियों के बीच मध्यप्रदेश के बाग प्रिंट आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा. यह फेयर एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स द्वारा आयोजित किया गया और इसे दुनिया के सबसे बड़े B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) ट्रेड फेयर्स में गिना जाता है.
इनकी कला का हुआ प्रदर्शन
पारंपरिक बाग प्रिंट की बारीकियों और प्राकृतिक रंगों की तकनीक को बाग शिल्पकार आरिफ खत्री ने अपने स्टॉल पर देशी और विदेशी मेहमानों के सामने प्रदर्शित किया. उन्होंने बताया कि लकड़ी के ब्लॉक से कपड़े पर बाग प्रिंट की अनूठी छपाई की जाती है. कई विदेशी प्रतिनिधि उनके पास रुककर बाग प्रिंट के इतिहास, प्रक्रिया और पर्यावरण-अनुकूल स्वरूप के बारे में विस्तार से जानकारी लेते नजर आए. बाग प्रिंट सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे आज भी प्राकृतिक रंगों और पारंपरिक तरीकों से जीवित रखा गया है.
प्रदर्शनी में विदेशी खरीदारों ने बाग उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई और बाग प्रिंट को वैश्विक बाजार में आगे बढ़ाने के लिए सहयोग की इच्छा जताई.
क्यों खास है ये प्रिंट?
भारत सरकार द्वारा जीआई टैग प्राप्त है बाग प्रिंट मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है. यह कला न केवल पर्यावरण-अनुकूल है बल्कि भारत के ‘मेक इन इंडिया' अभियान की सच्ची मिसाल भी है. इस प्रिंट की खासियत है कि इसमें उपयोग किए जाने वाले सारे रंग पूरी तरह प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किए जाते हैं. बाग प्रिंट ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP)' योजना के तहत धार जिले का प्रतिनिधि उत्पाद भी है.
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