Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने आज जंगली हाथियों (Wild Elephants) को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है. कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) में पकड़े गए जंगली हाथी को पंद्रह दिन में जंगल में वापस छोड़ा जाएगा. एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन ने अदालत को बताया है कि हाथी को ट्रैक करने के लिए विदेश से मंगवाई गई कॉलर आईडी लगाई जाएगी, ताकि उसकी हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके.
हाई कोर्ट का मध्य प्रदेश सरकार को फटकार
साथ ही हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. दरअसल, शहडोल से पकड़कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) लाए गए हाथी की मौत पर अदालत ने गहरी नाराज़गी जताई है. कोर्ट ने कहा कि जंगली हाथियों को पकड़ते समय वाइल्ड लाइफ एक्ट का पालन अनिवार्य है.
कान्हा में पकड़े गए जंगली हाथियों को जंगल में छोड़ा जाएगा
याचिकाकर्ता के एडवोकेट अंशुमान सिंह की ओर से कहा गया था कि हाथियों को पकड़ना अंतिम विकल्प होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहले कदम के रूप में अपनाया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि छत्तीसगढ़ से आए हाथियों के झुंड फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कई बार ग्रामीणों की जान भी ले चुके हैं.
कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को दिए सख्त निर्देश
कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि आगे से हाथियों के प्रबंधन में पूरी सावधानी बरती जाए और कानून का सख्ती से पालन किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी.
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