मोहन सरकार को मिली मोहलत, हाई कोर्ट में पेश की जंगली हाथियों को कंट्रोल करने वाले विशेषज्ञों की सूची

MP News: रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने याचिका में कहा था कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन्स के अनुसार, जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहले विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है.

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MP Hight Court: जंगली हाथियों को कंट्रोल करने वाले विशेषज्ञों की सूची मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पेश की गई. यह सूची याचिकाकर्ता की ओर से पेश की गई. इधर, सरकार ने कोर्ट को बताया कि याचिका में उठाए गये मुद्दों पर विचार करने के लिए अध्यक्ष सहित 6 अन्य एक्सपर्ट सदस्यों की कमेटी बनाई गई है. साथ ही याचिकाकर्ता के सुझाव अनुसार, दूसरे प्रदेश के एक्सपर्ट की मदद लेने के संबंध में विचार करने के लिए मोहलत की मांग सरकार ने की. अब अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए

चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सरकार को कुछ समय के लिए मोहलत दी है. रायपुर निवासी नितिन सिंघवी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन्स के अनुसार, जंगली हाथियों को पकड़ने का कदम अंतिम उपाय के रूप में होना चाहिए, लेकिन मध्य प्रदेश में इसे पहले विकल्प के रूप में अपनाया जा रहा है.

MP में बढ़ रही है  तोड़फोड़ की घटनाएं

दरअसल, छत्तीसगढ़ से जंगली हाथियों के झुंड मध्य प्रदेश के जंगलों में प्रवेश करते हैं, जिससे किसानों की फसलें बर्बाद होती हैं और घरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं. कुछ मामलों में जंगली हाथियों द्वारा किए गए हमलों में लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. जंगली हाथियों को प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर फॉरेस्ट (पीसीसीएफ) वाइल्डलाइफ के आदेश पर ही पकड़ा जा सकता है. जंगली हाथी संरक्षित वन्य प्राणियों की प्रथम सूची में आते हैं और पकड़े जाने के बाद उन्हें टाइगर रिजर्व में भेजकर प्रशिक्षण दिया जाता है.

याचिकाकर्ता से कोर्ट ने मांगे थे सुझाव

ट्रेनिंग के दौरान हाथियों को यातनाओं का सामना करना पड़ता है. पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता को बताया गया था कि प्रदेश में एक भी हाथियों को कंट्रोल करने के लिए एक्सपर्ट नहीं है. इस संबंध में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को सुझाव पेश करने के निर्देश दिये थे. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पक्ष रखा.

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