Madhya Pradesh News : देवास के एबी रोड पर बहुत ही कम दाम पर जनपद पंचायत ने वर्ष 1999 में लीज पर दुकानें आवंटित की थी. मिली जानकारी के अनुसार, इनका किराया तीन सौ रुपये था. लेकिन अब जिन कथित बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के नाम पर ये दुकानें आवंटित हैं, वो प्रति दुकान दस हजार रुपये से अधिक किराया वसूल कर रहे हैं. कोर्ट ने इन दुकानों को खाली कराने के लिए 15 साल पहले आदेशित किया था, लेकिन आज तक उच्च न्यायालय का आदेश बेअसर ही दिख रहा है.
बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के नाम पर है दुकानें!
अभी देवास में एबी रोड पर कई दुकानें और शोरूम संचालित हैं. इसी मुख्य मार्ग पर नगर निगम कार्यालय के सामने जनपद पंचायत के भवन के नीचे करीब 9 दुकानें संचालित हो रही है. सभी दुकान देवास के भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं की हैं, जिसमें मोबाइल के शोरूम सहित अन्य दुकानें हैं.
लीज रेंट भी नहीं जमा किया
ये दुकानें जनपद पंचायत ने वर्ष 1999 में लीज पर आवंटित की थी. उस समय शहर की आबादी के हिसाब से किराया बहुत ही न्यूनतम तय किया गया था, जो करीब 300 रुपए से अधिक था. इन दुकानों को, जिनके नाम से दुकान आवंटित की गई थी, उन्होंने लीज रेंट भी समय पर नहीं जमा किया. वहीं, मुनाफे के चलते इन दुकानों को दूसरे लोगों को किराए पर दे दिया, जिसे वर्तमान में जो दुकानें संचालित कर रहे, उनसे 10 हजार से अधिक किराया ले रहा हैं. जबकि लीज की दर मात्र 320 रुपये है.
उच्च न्यायालय ने खाली कराने का दिया था आदेश
बता दें, आवंटित नौ दुकानों को खाली कराने के लिए उच्च न्यायालय ने करीब 15 वर्ष पूर्व जनपद पंचायत को आदेशित किया था. लेकिन जनपद पंचायत के जिम्मेदारों ने इस और रुचि नहीं दिखाई. सिर्फ नोटिस देकर इतिश्री कर ली. इसी का नतीजा है कि एबी रोड जैसे पॉश इलाके में संचालित दुकान आज भी संभव: 320 रुपये महीने पर संचालित हो रही है, और उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की जा रही है. न्यायालय के आदेश के बाद भी जनपद पंचायत के जिम्मेदार दुकान खाली नहीं करवा पा रहे हैं. वहीं, आवंटित दुकानदार किराए पर दुकानें देकर चांदी काट रहे हैं.
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जानें क्या बोले अधिकारी
इस मामले पर NDTV ने देवास जिला पंचायत सीईओ हिमांशु प्रजापति और देवास जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमलता मंडलोई से बात की, तो मंडलोई का कहना है 15 साल पहले कोर्ट का आदेश आया था. इनको यहां से हटाया जाए. लेकिन यह अभी तक नहीं हटे. मैं भी इनको कई बार किराया नहीं देने के लिए नोटिस दिया है. पर अभी इन दुकानों का किराया 350-500 रुपये के आसपास है.
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